लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए जा रहे विवादित बयानों पर चुनाव आयोग लगातार संज्ञान कर रहा है। सोमवार को चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री और पीलीभीत से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी के बयान पर उन्हें चेतावनी दी। मेनका गांधी ने एक बयान में मतदाताओं को ABCD की श्रेणी में बांटा था। चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि वह आगे से इस प्रकार के बयान ना दें।
क्या कहा था मेनका गांधी ने
मेनका गांधी ने 14 अप्रैल को सुल्तानपुर में एक संबोधन के दौरान कहा था कि जिस गांव से 80% वोट मिलेगा वो A कैटेगरी में होगा। जिस गांव से 60% वोट मिलेगा वो B में होगा और जिस गांव से 50% वोट मिलेगा वो C में होगा. वहीं जिस गांव से 50% से कम वोट मिलेगा उसका तो आप समझ गए होंगे। उनका कहना था कि वह वोटिंग के हिसाब से ही काम करवाएंगी। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने उनके इस बयान की निंदा की थी।
केंद्रीय मंत्री ने मतदाताओं से कहा था, 'मैं तो चुनाव जीत रहीं हूं, ऐसे में आप हमारा साथ दीजिए वरना कल जब आप काम के लिए हमारे पास आओगे तो समझ लीजिए मैं क्या करूंगी। मैं कोई महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हूं।'
पहले हुई थी मेनका गांधी पर कार्रवाई
इससे पहले भी मुस्लिमों को लेकर दिए गए बयान पर चुनाव आयोग ने मेनका गांधी पर कार्रवाई की थी। तब मेनका गांधी ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा था कि अगर मुस्लिम समाज के लोग मुझे वोट नहीं देंगे, तो वह उनके पास काम करवाने के लिए भी ना आएं।
इस बयान की काफी निंदा हुई थी और चुनाव आयोग ने मेनका गांधी पर 48 घंटे का बैन भी लगाया था। इस दौरान मेनका किसी भी तरह की चुनावी रैली में हिस्सा, भाषण, ट्वीट और रोड शो नहीं कर सकती थीं।
मेनका गांधी के अलावा चुनाव आयोग की तरफ से अब तक कई नेताओं के प्रचार पर सीमित रोक लगाई जा चुकी है। इसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे, सपा नेता आजम खां पर 48 घंटे, बीजेपी नेता सतपाल सत्ती पर 48 घंटे, बसपा प्रमुख मायावती पर 48 घंटे की रोक भी शामिल है।