शिवसेना ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को जहां किसानों की कर्ज माफी के लिए 63 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, तो वहीं फडणवीस सरकार को ऐसा करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये आवश्यकता होगी।
शिवसेना के अनुसार, महाराष्ट्र समेत देश भर के किसानों में संभ्रम का माहौल है, जिसे तत्काल प्रभाव से खत्म किए जाने की जरूरत है। ऐसे में इसे एक बार में ही खत्म कर देना चाहिए।
शिवसेना ने आरोप लगाया है कि फडणवीस सरकार स्थायी समाधान के बजाय अल्पमत में रहने वाली सरकार के बचाव में लगी है। इस मुद्दे पर कोर कमिटी की बैठक आयोजित करा कर मध्यावधि चुनाव के शिगूफे छोड़े जा रहे हैं। शिवसेना ने कहा कि कर्ज तले दबे राज्य भर के किसानों की जिंदगी दिन-प्रतिदिन श्मसान होती जा रही है।
शिवसेना ने आरोप लगाया कि भाजपा को अभी सिर्फ खुद की राजनीति की चिंता है। ऐसे में फडणवीस सरकार का इस प्रक्रम से बाहर निकलना ही किसानों के लिए हितकारी साबित होगा।