मलयालम फिल्म निर्माता और संघ परिवार के कार्यकर्ता रामसिम्हन अबूबकर ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। दिसंबर 2021 में इस्लाम त्यागने और अपना नाम अली अकबर से बदलकर रामसिम्हन अबूबकर करने के बाद से वह भाजपा की राज्य समिति के सदस्य थे, जब तक कि उन्होंने 2021 में भगवा पार्टी में अपनी सभी संगठनात्मक जिम्मेदारियों से इस्तीफा नहीं दे दिया।
'पूझा मुथल पुझावारे' के निर्देशक अबूबकर का कहना है कि उनके फैसले को लेकर कोई हंगामा नहीं होना चाहिए। उनका मानना है कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं और 'धर्म' के साथ आगे बढ़ेंगे, जो उन्होंने सीखा है। रामसिम्हन ने गुरुवार को फेसबुक पर लिखा, "हर चीज से मुक्त, केवल धर्म के साथ।" गौरतलब है कि निर्देशक रामसिम्हन केरल में पिछले दो हफ्तों में भाजपा छोड़ने वाली तीसरी फिल्मी हस्ती हैं।
उनसे पहले, मलयालम निर्देशक राजसेनन और अभिनेता भीमन रघु ने भगवा पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया था और सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के साथ काम करने की घोषणा की। इस मामले पर भाजपा फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। रामसिम्हन ने कहा कि उन्हें इस्तीफा दिए कुछ ही दिन हुए हैं। उन्होंने शुक्रवार को एक अन्य पोस्ट में कहा, "अब यह सामने आया, अब यह महसूस हुआ कि अगर कोई धर्म के साथ चलना चाहता है, तो कोई बंधन नहीं होना चाहिए, इसलिए बंधन खुल गए।"
बता दें कि अक्टूबर 2021 में, निर्देशक से राजनेता बने रामसिम्हन ने राज्य समिति के सदस्य सहित भाजपा में सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि केरल में एक मुस्लिम भाजपा नेता के खिलाफ केरल इकाई की संगठनात्मक स्तर की कार्रवाई से उन्हें "पीड़ा" हुई थी। हालांकि, उन्होंने कहा था कि वह भाजपा के सदस्य के रूप में बने रहेंगे।
एक भावनात्मक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा था कि भाजपा के लिए काम करने के दौरान एक मुसलमान को अपने ही परिवार और समुदाय से जिस तरह के अपमान का सामना करना पड़ता है, उसे समझना आम आदमी के लिए बहुत आसान नहीं है। रामसिम्हन ने हाल में मालाबार विद्रोह पर आधारित 'पुझा मुथल पूझा वारे' फिल्म बनाई थी, जिसे मोपला दंगा भी कहा जाता है, जो 1921 में उत्तरी केरल में हुआ था।