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प्रवासी मजदूरों से किराया लेना गलत, खर्च केंद्र वहन करेः माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का कहना है कि केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को घर जाने की...
प्रवासी मजदूरों से किराया लेना गलत, खर्च केंद्र वहन करेः माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का कहना है कि केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को घर जाने की अनुमति तो दे दी लेकिन इसके बदले मजदूरों से पैसे लिए जा रहे हैं। जो मजदूर दो महीने से बेरोजगार बैठे हैं, उनसे टिकट के पैसे लेना गलत है। यही नहीं, केंद्र सरकार राज्यों को सिर्फ निर्देश दे रही है, अपनी कोई वित्तीय जिम्मेदारी नहीं निभा रही है।

बसों से लौटाने वालों से काफी ज्यादा किराया लिया जा रहा है

पार्टी पोलितब्यूरो की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, “यह बेहद खेदजनक है कि केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने-अपने निवासियों को ले जाने का निर्देश तो दे दिया, लेकिन वह इसकी कोई वित्तीय जिम्मेदारी नहीं ले रही है। जो प्रवासी मजदूर ट्रेन से अपने घर जा रहे हैं उनसे टिकट और खाने के पैसे लिए जा रहे हैं। यही नहीं, जो मजदूर बसों से लौट रहे हैं उनसे सामान्य की तुलना में काफी ज्यादा किराया लिया जा रहा है।”

मजदूर दो महीने से बेरोजगार हैं, वे टिकट के पैसे कहां से देंगे

पार्टी का कहना है कि जो मजदूर लॉकडाउन के चलते 2 महीने से बेरोजगार बैठे हैं उनसे टिकट के पैसे लेना ठीक नहीं। राज्य सरकारों को वैसे ही केंद्र की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है, इसलिए उनसे खर्च की उम्मीद करना भी ठीक नहीं होगा। पार्टी के अनुसार प्रवासी मजदूर जो पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर फंसे हैं इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। वे इसलिए फंसे क्योंकि केंद्र सरकार ने सिर्फ 4 घंटे के नोटिस पर पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया। पार्टी की मांग है कि जो भी मजदूर अपने घर लौटना चाहते हैं उनकी यात्रा का खर्च केंद्र सरकार वाहन करे। राज्य के भीतर इन मजदूरों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का इंतजाम राज्य सरकारों को करना चाहिए।

रेलवे ने कहा था मजदूरों के किराये का पैसा राज्यों से लिया जाएगा

गौरतलब है कि शुक्रवार को रेलवे की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को ले जाने के लिए जो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उसके लिए यात्रियों से नहीं बल्कि राज्य सरकारों से पैसे लिए जाएंगे। लेगा। रेलवे के मुताबिक प्रति यात्री स्लीपर क्लास के टिकट का भाड़ा, 30 रुपये सुपर फास्ट चार्ज और खाना-पानी के 20 रुपये लिए जाएंगे। देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों को ले जाने के लिए रेलवे ने छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।

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