केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार पश्चिम बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिका रजिस्टर (एनआरसी) लागू करेगी लेकिन किसी भी हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन शरणार्णी को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा। उन्हें भारत की नागरिकता दिलाने के लिए मोदी सरकार जल्द नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद से पारित करवाएगी। उन्होंने एनआरसी पर जोर देते हुए कहा कि सरकार एक भी घुसपैठिए को देश में नहीं रहने देगी।
कोलकाता में एनआरसी पर एक जनजागरण कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने की आवाज सबसे पहले पश्चिम बंगाल से ही उठी थी। बंगाल के सपूत श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने यहीं से 'एक निशान, एक विधान एक प्रधान' का नारा दिया था और आज उनका सपना सच हुआ।
'एनआरसी पर किया गया गमुराह'
उन्होंने कहा कि एनआरसी पर बंगाल की जनता को गुमराह किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया,'हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों को देश छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।' उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा,'कुछ लोग कहते हैं कि हम बाहरी हैं। मैं उन लोगों को कहना चाहता हूं कि वह इतिहास पढ़े।' गृहमंत्री ने कहा कि विभाजन के दौरान पूरा बंगाल पाकिस्तान जाने वाला था, तब हमारे नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने विद्रोह किया और और पश्चिम बंगाल का गठन किया। आज यदि पश्चिम बंगाल देश का हिस्सा है तो वह उन्हीं के विद्रोह का नतीजा है।
'मिल सकती हैं 300 सीटें'
पश्चिम बंगाल के लोगों को भाजपा पर अपना विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देते हुए अमित शाह ने कहा कि पार्टी केवल बंगाल के योगदान के कारण 300 सीटों का आंकड़ा पार कर सकती है। उन्होंने कहा, '73 वर्षों के बाद, आपने हमें 18 सीटें दीं और जवाब में, पीएम मोदी ने संसद के पहले सत्र में अनुच्छेद 370 और 35A को रद्द कर दिया।'