नागपुर में राजवाड़ा महल में आयोजित एक सम्मान समारोह में भागवत ने कहा कि यह खबर गलत है कि आगामी राष्ट्रपति चुनावों में मैं नामित होना वाला हूं। मीडिया जो समाचार दिखा रही है, वह मनोरंजन की खबर है। राष्ट्रपति बनने की अपनी महत्वकांक्षा पर स्पष्टीकरण देते हुए भागवत ने कहा था कि संघ परिवार का सदस्य होने के नाते वह अपने संगठन और समाज के प्रति समर्पित हैं।
उन्होंने कहा कि जब हम संघ में शामिल होते हैं, हम अन्य सभी संभावनाओं के लिए दरवाजे बंद कर देते हैं। हम सिर्फ संघ परिवार और समाज के लिए काम करते हैं। मेरा नाम राष्ट्रपति पद के लिए नहीं आएगा। यदि मेरे नाम का प्रस्ताव आता भी है तो, मैं उसे स्वीकार नहीं करूंगा।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने दो दिन पहले शीर्ष पद के लिए भागवत का नाम सुझाते हुए कहा था कि वह राष्ट्रपति पद के लिए सही चुनाव होंगे। राउत ने कहा था कि यह देश का शीर्ष पद है। किसी साफ-सुथरी छवि वाले को इसपर पदासीन होना चाहिए। हमने सुना है कि राष्ट्रपति पद के लिए मोहन भागवत के नाम पर चर्चा चल रही है।
उन्होंने कहा था कि यदि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो, भागवत राष्ट्रपति पद के लिए अच्छा चुनाव होंगे। लेकिन उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला शिवसेना प्रमुख उद्धवजी लेंगे।
उधर, कांग्रेस का कहना है कि पार्टी आंतरिक बैठक करके अपना उम्मीदवार तय करेगी क्योंकि वह भगवा विचारधारा के खिलाफ है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। (एजेंसी)