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विपक्षी गठबंधन पर ‘अनर्गल आरोप’ लगाने के बजाय शासन पर ध्यान दें: सिब्बल ने शाह से कहा

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने विपक्षी दलों के गठबंधन पर टिप्पणी को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर...
विपक्षी गठबंधन पर ‘अनर्गल आरोप’ लगाने के बजाय शासन पर ध्यान दें: सिब्बल ने शाह से कहा

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने विपक्षी दलों के गठबंधन पर टिप्पणी को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर गुरूवार को पलटवार करते हुए कहा कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के खिलाफ ‘‘अनर्गल आरोप’’ लगाने के बजाय क्या उन्हें मणिपुर और हरियाणा जैसी जगहों में शासन पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए।

सिब्बल की टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब एक दिन पहले गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हस्तक्षेप करते हुए विपक्षी गठबंधन के चरित्र पर सवाल खड़ा किया और कहा कि उनका असली चेहरा तब सामने आया जब उन्होंने अपनी सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया।

विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा था, ‘‘विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का चरित्र है सत्ता के लिए भ्रष्टाचार करना जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का चरित्र है सिद्धांतों के लिए राजनीति करना।’’

उन्होंने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार बचाने के लिए किसी भी तरह की कुटिल रणनीति का सहारा नहीं लिया था और वाजपेयी सरकार एक वोट कम होने से गिर गई थी।

गृह मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने कहा, ‘‘अमित शाह जी ‘इंडिया’ पर अनर्गल आरोप लगाने के बजाय शासन पर ध्यान क्यों नहीं देते? मणिपुर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र।’’

सिब्बल ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आप कर्नाटक हार गए: भ्रष्टाचार। जल्द ही मध्य प्रदेश हारेंगे: भ्रष्टाचार। धर्म के साथ खेलने के बजाय विकास पर ध्यान केंद्रित करें।’’ सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ को पहले ‘ट्विटर’ कहा जाता था।

अपनी टिप्पणी में शाह ने यह भी दावा किया था कि विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम बदलकर ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) कर लिया क्योंकि ‘संप्रग’ नाम अनगिनत घोटालों और भ्रष्टाचार से जुड़ा था।

संप्रग के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने अन्याय से लड़ने के उद्देश्य से गैर-चुनावी मंच ‘इंसाफ’ बनाया है।

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