तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाना केंद्र की जिम्मेदारी है।
अपने लोकसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डायमंड हार्बर के सांसद ने कहा, "बांग्लादेश के मुद्दे में पश्चिम बंगाल की कोई भूमिका नहीं है। मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि आपको देश के संविधान का पालन करना होगा, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य की कोई भूमिका नहीं है। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे को बांग्लादेश के साथ सबसे कड़े तरीके से या उनकी समझ में आने वाली भाषा में उठाए।"
आध्यात्मिक गुरु चिन्मय दास की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर कोलकाता में भाजपा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों और रैलियों के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा, "बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। भाजपा के लिए, सब कुछ राजनीति है - चाहे वह आरजी कार हो या बांग्लादेश।"
उन्होंने आगे सवाल किया, "चूंकि सत्ता में उनकी सरकार है, तो भाजपा नेता दिल्ली जाकर विरोध क्यों नहीं करते?" इस बात पर जोर देते हुए कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बांग्लादेश मुद्दे पर स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर सकती, बनर्जी ने कहा, "हम यह भी चाहते हैं कि बांग्लादेश में व्याप्त अराजकता खत्म हो। तृणमूल कांग्रेस केंद्र के फैसले का समर्थन करेगी।"
सीमा पार बांग्लादेशी प्रवासियों की घुसपैठ के मुद्दे पर बनर्जी ने कहा, "यह बीएसएफ का काम है, राज्य पुलिस का नहीं। अमित शाह ही इस मंत्रालय को देखते हैं।" पार्टी के भीतर हाल ही में हुए संगठनात्मक फेरबदल के बारे में उन्होंने कहा, "मैंने सितंबर में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। मैंने अपना काम कर दिया है। अब पार्टी पर निर्भर है कि वह जो भी उचित समझे, आवश्यक बदलाव करे।"