दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि शरद यादव नीतीश कुमार एनडीए के साथ बिहार में नई सरकार बनाने से नाराज़ हैं, जिसके कारण बुधवार रात से जारी इस पूरे घटनाक्रम के बीच उन्होंने अभी तक एक शब्द भी नहीं बोला है। एनडीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले को लेकर लालू प्रसाद यादव बताया कि शरद यादव ने मुझे फोन किया था। लालू ने कहा कि शरद हमारे संपर्क में हैं और वह हमारे साथ हैं। शुक्रवार को नीतीश के विश्वास मत हासिल करने के बाद लालू यादव ने यह बात एक साक्षात्कार में कही।
इस पूरे मामले को लेकर इस तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार के भाजपा के साथ दोबारा से जुड़ने के बाद से नाराज बताए जा रहे शरद यादव ने पार्टी के सांसदों और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने पार्टी के नेताओं के साथ सलाह किए बिना ही महागठबंधन अलग होने और भाजपा के साथ जुड़ने का एकतरफा फैसला किया है, जिसके चलते पार्टी के कई सांसद नाराज बताए जा रहे हैं। इस बीच जेडीयू सांसद वीरेंद्र कुमार तो यहां तक कह चुके हैं कि अगर उन्हें जबरदस्ती एनडीए का समर्थन करने को कहा गया तो वो इस्तीफा दे देंगे।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और सोनिया गांधी की कांग्रेस से मिलकर बना बिहार महागठबंधन बुधवार को उस समय बिखर गया, जब शाम को नीतीश ने सार्वजनिक तौर पर पद से इस्तीफा दे दिया।
इस दौरान नीतीश ने तेजस्वी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सार्वजिनक तौर पर अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ रहा है। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के कुछ ही घंटे बाद नीतीश को भाजपा का समर्थन मिला और गुरुवार को नीतीश ने छठी बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ ग्रहण की।