Advertisement

जेएनयू में लेफ्ट ही करेगा राज

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट मोर्चे ने अपना परचम लहराते हुए चारों सीटों पर कब्जा कर लिया है। अध्यक्ष पद पर मोहित कुमार पांडेय, वाइस प्रेजिडेंट पद पर अमल पीपी, तबरेज हसन जॉइंट सेक्रटरी और सतरूपा चक्रवर्ती को जनरल सेक्रटरी पद पर जीत मिली है।
जेएनयू में लेफ्ट ही करेगा राज

 

पिछली बार जॉइंट सेक्रटरी की एक सीट जीतने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का इस बार खाता नहीं खुला। एबीवीपी ने कैंपस में 9 फरवरी को कथित तौर पर लगे देशविरोधी नारों के मामले को इस बार मुद्दा बनाया था। इस लिहाज से देखा जाए तो विवाद से एबीवीपी को फायदे के बजाय नुकसान ही हुआ है।


हाल ही में एबीवीपी के जेएनयू इकाई के उपाध्यक्ष जतिन गोराया ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि वह दलितों के खिलाफ हमलों पर एबीवीपी के रुख से उकता चुके हैं। इससे पहले देशविरोधी नारे लगने से जुड़े विवाद और रोहित वेमुला सूइसाइड केस में संगठन के रुख को वजह बताकर जेएनयू के तीन एबीवीपी पदाधिकारियों ने फरवरी में इस्तीफा दे दिया था।


इस बार जेएनयू में ऑल इंडिया स्टूडेंट असोसिएशन और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने लेफ्ट यूनिटी के नाम पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, कुछ ही साल पहले बने संगठन बाप्‍सा  ने इस बार लेफ्ट को कड़ी टक्कर दी। बाप्‍सा से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार राहुल पुनराम दूसरे नंबर पर रहे।

प्रेजिडेंट के पद पर जीत हासिल करने वाले मोहित कुमार पांडेय ने कहा, 'जेएनयू का रिजल्ट पूरे देश के लिए एक संदेश है। लेफ्ट संगठनों ने एबीवीपी को कैंपस से उखाड़ फेंका है। लड़ाई सिर्फ दो प्रोग्रेसिव संगठनों के बीच थी जो कि हमेशा से होती रही है और हमेशा चलती रहेगी। इस लड़ाई में एबीवीपी कहीं नहीं थी।'

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad