मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रूप में राजनीति में शामिल हैं तथा उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं और ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह व गम्भीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय ज्यादातर जनता का ध्यान बाँटने के लिये ड्रामेबाजी के रूप में होती हैं। मायावती ने कहा कि अगर इसमें सच्चाई है तो प्रदेश व यहाँ की जनता के व्यापक हित में सपा परिवार के मुखिया को पुत्र मोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।
मायावती ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह से विफल साबित हुई है और ख़ासकर कानून-व्यवस्था के मामले में इस सरकार का काफी ज्यादा बुरा हाल है। ऐसे में प्रदेश का विकास भी प्रभावित हुआ है। उन्होने कहा कि विकास के जिन कामों का दावा सपा सरकार द्वारा किया जा रहा है वे काम केवल कागजों पर व सरकारी विज्ञापनों में ही नजर आते हैं और इन मदों का ख़र्च होने वाला धन घोर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। उन्होने कहा कि सपा सरकार से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता को, केन्द्र में भाजपा की सरकार से भी काफी ज्यादा निराशा हुई है। लोग गुस्से में हैं कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है और अपने वायदे के मुताबिक उनके ’अच्छे दिन’ लाने का वायदा निभाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी की हालत इतनी ज़्यादा ख़राब हो चुकी है कि अब पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को अपनी पार्टी के अस्तित्व (पहचान) को बचाने के लिए यहाँ आये दिन ’रथयात्रा, पदयात्रा व खाटयात्रा’ के ज़रिये पूरे प्रदेश की सड़कों की ख़ाक छाननी पड़ रही है, फिर भी जनता उस पार्टी पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं।