उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज अपने शासनकाल के पहले 100 दिन पूरे कर लिए हैं। अपने 100 दिन पूरे करने को लेकर भले ही योगी सरकार संतुष्टि जता रही है, मगर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने निराशा जताते हुए भाजपा सरकार को 100 में से शून्य अंक दिए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज कहा कि यूपी में भाजपा सरकार के पहले 100 दिनों में सर्वसमाज के लोगों में हर मामले में काफी ज्यादा निराशा व उदासीनता छाई रही। प्रदेश में लोग अपराध और भ्रष्टाचार के कारण लोग परेशान रहे। इसलिए योगी सरकार को 100 दिनों में से एक नम्बर भी नहीं दिया जा सकता है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मायावती ने कहा कि विकास व कानून-व्यवस्था एवं अपराध-नियन्त्रण के मामले में यह सरकार 100 दिनों मे अभी तक 10 प्रतिशत भी खरी नहीं उतरी है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार पिछली अखिलेश सरकार के खिलाफ ना तो ’श्वेत पत्र’ जारी करने की हिम्मत जुटा पाई और ना ही अपनी उपलब्धियों के संबंध में कोई पुस्तिका जारी कर सकी। इस बारे में केवल फोटो फीचर बुक जारी करके खानापूर्ति करने की कोशिश की गई।
As far as control on crime in UP is concerned, this govt. hasn't been able to achieve much in 100 days: Mayawati on 100 days of UP Govt. pic.twitter.com/vowxor3SM4
— ANI UP (@ANINewsUP) 27 June 2017
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि चुनावी वादों को पूरा न कर पाने के कारण जनता सरकार से विश्वास खोती हुई नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनते ही किसानों के लिए मन्त्रिमण्डल की पहली बैठक में कर्ज माफ करने का डंका बजाकर वादा किया था, मगर उसके संबंध में भी यह अब तक केवल कागजी घोषणा ही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपनी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। सीएम योगी ने कहा था कि एकात्म मानव समाज के प्रणेता दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय के सपने को साकार करने की दिशा में इन 100 दिनों की कार्यावधि एक प्रभावी पहल है और इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने केन्द्र की उपलब्धियों और पार्टी की नीतियों पर भरोसा करते हुए भाजपा को गत विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत दिया। परिवर्तन, विकास और गरीबों के सशक्तीकरण के लिए गत 19 मार्च को शपथग्रहण करने वाली इस सरकार का मात्र 100 दिन छोटा सा कार्यकाल हुआ है। उसके सामने जो चुनौती थी, उसे हमने स्वीकार की है। इन 100 दिनों की उपलब्धियों पर हमें संतोष का अनुभव हो रहा है। इन दिनों के कामकाज के सकारात्मक परिणाम दिखाई भी देने लगे हैं।