गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव समेत कुछ विधायकों और संगठन नेताओं ने सरकार में हावी अफसरशाही और संगठन की कार्यप्रणाली पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए थे। मामला मीडिया में छा जाने के बाद राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल और प्रदेश संगठन प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने नंदकुमार सिंह चौहान और सुहास भगत से बातकर पूरा मामला जाना था और ओडियो और वीडियो सीडी मांगी थीं। संगठन द्वारा दो दिन पूर्व ही नेताओं के बयानों के यह सीडी दिल्ली भेज दी गई थी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस तरह के बयानों को ठीक न मानते हुए इन पर लगाम लगाने को कहा है। इसके लिए नेताओं से वन टू वन बात करने के लिए कहा गया है। संगठन महामंत्री ने पचमढ़ी में हुई दो दिवसयी चिंतन बैठक में मिले फीडबैक से भी राष्ट्रीय नेताओं को अवगत कराया। प्रदेश संगठन के नेताओं का कहना था कि नेताओं के इस तरह के बयानों से जनता के बीच पार्टी की छवि खराब हो रही है।
बैठक में कैलाश विजयवर्गीय और गोपाल भार्गव के अलावा भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य, नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से विधायक कैलाश जाटव, शहडोल के भाजपा जिला अध्यक्ष अनुपम अनुराग अवस्थी, इंदौर से विधायक सुदर्शन गुप्ता आदि के बयानों पर चर्चा की गई। प्रदेश संगठन नेताओं ने इस मामले को लेकर अखबारों में छपी खबरों की क्लीपिंग भी आला नेताओं को दिखाई।
राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयानों पर भी बैठक में चर्चा की गई। सूत्रों की माने तो कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बयान पर प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह द्वारा किए गए पलटवार के तत्काल बाद फोन पर राष्ट्रीय नेताओं से बात कर अपना पक्ष रखा था। अब केन्द्रीय संगठन के नेता विजयवर्गीय से अलग से बात करेंगे।