लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने यूपी-बिहार के उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी को सलाह दी है कि उसके नेताओं को दलितों और अल्पसंख्यकों के बारे में धारण बदलने की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने एनडीए नेताओं से बिना सोचे-समझे टिप्पणी करने से बचने की भी सलाह दी है।
इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी पासवान ने पासवान ने पासवान ने कहा, 'बीजेपी को अपने बारे में जनधारणा में बदलाव की जरूरत है, खासकर अल्पसंख्यक और दलितों के मामले में। पार्टी में सुशील मोदी, राम कृपाल यादव जैसे वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनकी बातों को लगातार दबाया जाता है।
They (BJP) need to change mass perception in terms of minorities, dalits. Aren't there secular leaders in BJP?There are people like Sushil Modi,Ram Kripal Yadav,what happens is that their voice gets suppressed&there are others whose voice gets attention:Union Min Ram Vilas Paswan pic.twitter.com/1KT1cJrwLg
— ANI (@ANI) March 18, 2018
सोच-समझकर टिप्पणी करने की भी नसीहत
रविवार को पटना में पासवान ने आरोप लगाया कि बीजेपी में कुछ खास लोगों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है। केंद्रीय मंत्री ने एनडीए नेताओं से सोच समझकर टिप्पणी करने की भी नसीहत दी। उन्होंने कहा, 'एनडीए के नेताओं को टिप्पणी के दौरान बचने और चुनाव के दौरान ज्यादा होशियारी बरतने की जरूरत है।
गौरतलब है कि बिहार प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और केंद्रीय मंत्री गिरिराज किशोर की ओर था। जिन्होंने चुनावों के समय भड़काऊ बयान दिए थे। चुनाव से पहले नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर राजद का प्रत्याशी अररिया से चुनाव जीतता है तो पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के जासूसों के लिए यह जगह एक सुरक्षित जगह बन जाएगी। इसके अगले दिन अररिया में चुनाव था। जिसके बाद इस सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद इस सीट पर हारने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अररिया अब आतंकवाद का गढ़ बन जाएगा। इसे लेकर भी सिंह की कड़ी आलोचना हुई थी।
जाने वाले को कोई नहीं रोक सकता
वहीं, एनडीए छोड़ महागठबंधन में जाने वाले दलों पर रामविलास पासवान ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जाने वाले को कोई नहीं रोक सकता, लेकिन उनको पछताना पड़ेगा। केंद्र में नरेंद्र मोदी व बिहार में नीतीश कुमार हमारे नेता हैं।
कांग्रेस की तरह सभी वर्गों को साथ लेकर चले BJP
बिहार में अररिया लोकसभा व जहानाबाद व भभुआ विधानसभा उपचुनाव परिणाम पर कहा कि इसमें कोई आश्चर्यजनक नहीं है। तीनों सहानुभूति वाली सीटें थीं। यूपी में हार को लेकर मंथन चल रहा है। वहीं, जमुई लोकसभा सीट से सांसद चिराग पासवान ने भी कहा कि एनडीए को सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखना होगा। चुनाव के दौरान अनर्गल बयानबाजी से नेताओं को बचना चाहिए। विकास पर जाति (कास्ट) हावी रही है। अब एनडीए को भी सभी वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए सोचना होगा। कांग्रेस ने सभी वर्गों को साथ लेकर राज किया।
आरक्षण के खिलाफ बोलने से बचें
इसके साथ ही पासवान ने कहा, 'यह सबको पता है कि एनडीए प्रगति के लिए काम करता है। इस तथ्य के साथ ही थोड़ी होशियारी दिखाने की जरूरत है। नेताओं को ज्यादा होशियार रहने तथा विधानसभा चुनाव के दौरान आरक्षण के खिलाफ बोलने जैसी बड़ी गलतियों से बचने की जरूरत है।' वह 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नौकरियों के आरक्षण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी की ओर इशारा कर रहे थे।