अमरनाथ गुफा को शांत क्षेत्र घोषित करते हुए जयकारों पर रोक लगाने का एनजीटी का फैसला जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को समझ नहीं आया है।
अब्दुल्ला ने बुधवार देर रात ट्वीट कर एनजीटी के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि पवित्र अमरनाथ गुफा के बाहर तीर्थयात्रियों के जप और जयकारे से पर्यावरण को कैसा नुकसान पहुंचेगा।'
It’s probably just me but I don’t understand how chanting outside the holy cave while on a pilgrimage to Amarnath ji damages the environment.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 13, 2017
बता दें कि बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पवित्र अमरनाथ गुफा को शांत क्षेत्र घोषित करते हुए एक निश्चित सीमा से आगे जयकारे लगाने पर रोक लगा दी है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने श्राईन बोर्ड को निर्देश दिया कि अंतिम चेक पोस्ट के बाद श्रृद्धालुओं को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं दें। बता दें कि एनजीटी ने अमरनाथ मंदिर में घंटी बजाने पर भी रोक लगा दी है।
इससे पहले 15 नवंबर को एनजीटी ने श्रृद्धालुओं को इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया न कराने के लिए अमरनाथ श्राईन बोर्ड को फटकार लगाई थी। एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन के आसपास के क्षेत्र को 'साइलेंस जोन' घोषित करने का निर्देश दिया था। साथ ही, गुफा के पास नारियल न फेंकने के भी आदेश दिए हैं।
एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है, जो श्रद्धालुओं को इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने पर रिपोर्ट सौंपेगी। ये कमेटी मौके पर जाकर मुआयना करेगी और रास्तों की सुगमता और साफ-सफाई का निरीक्षण कर रिपोर्ट दाखिल करेगी।