प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से संबोधन नई चुनौतियों और सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा। उन्होंने संबोधन में न केवल अनुच्छेद 370 पर बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला किया, वही तीन तलाक बिल पारित करने पर अपने सरकार की पीठ भी थपथपाई है। साथ ही पांच लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने के सपने को हकीकत में बदलने का संकल्प भी दोहराया है। इसके अलावा उन्होंने तीन सेनाओं में बेहतर समन्वय बनान के लिए चीफ ऑफ डिफेंस पद के गठन का भी ऐलान किया । प्रधानमंत्री ने देश के सामने जल संकट, जनसंख्या विस्फोट जैसी खड़ी हो रही नई चुनौतियों के खिलाफ देशवासियों को खड़े होने का भी आव्हान किया है।
अनुच्छेद 370 के बहाने कांग्रेस पर हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 से जम्मू एवं कश्मीर को मिलने वाले विशेष दर्जे को खत्म करने को समय की जरूरत बताया। उनका कहना था कि इसके पहले सभी सरकारों ने कश्मीर मसले को हल करने के लिए कोशिशें की, लेकिन उससे उम्मीदें पूरी नहीं हुई। ऐसे में नए सिरे से सोचने की जरूरत थी। आज एक राष्ट्र एक संविधान हकीकत बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों के पास अपार बहुमत था, लेकिन उन्होंने 370 जो कि एक अस्थायी प्रावधान था, उसे कभी स्थायी प्रावधान नही बनाया। अगर अनुच्छेद 370 इतना जरूरी था तो उसे उन्होंने क्यों स्थायी नहीं बनाया? उन्होंने कहा कि अब कश्मीर में विकास होगा।
पाकिस्तान का नही लिया नाम
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के बढ़ रहे खतरे का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ही नहीं पड़ोसी देश श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान भी इससे पीड़ित है। ऐसे में जरूर है कि एक समग्र नीति बनाई जाए। उन्होंने बदली हुई परिस्थिति में सेना में रिफॉर्म की भी वकालत की है। इसलिए उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ पद के गठन का भी ऐलान किया। प्रधानमंत्री के भाषण की खास बात यह रही कि उन्होंने आतंकवाद से लेकर कश्मीर , पड़ोसी देशों की बात की लेकिन उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया। उन्होंने परोक्ष रूप से ही उसे चेतावनी दी।
नई चुनौतियां जो देश के लिए संकट
प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर देश के सामने खड़े हो रहे जल संकट और जनसंख्या विस्फोट को बड़ी चुनौती बताया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम करने की जरूरत है। इसके लिए सबको मिलकर आगे आने होगा। जल संचय और जनसंख्या नियंत्रण करना देश सेवा होगी। इसके लिए सभी को काम करना होगा। साथ ही उन्होंने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नो कैश केवल डिजिटल पेमेंट की भी बात कही है। यही नहीं प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए देशवासियों से कपड़े वाले बैग के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की अपील भी की है। इसके अलावा देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन लोगों से अपील की है जो अपने परिवार के साथ विदेश यात्राएं करते हैं। उनका कहना है कि वह अपने परिवार को लेकर देश के पर्यटन स्थलों पर जाए। जिससे विकास को गति मिलेगी।
पांच लाख करोड़ डॉलर इकोनॉमी के सामने मंदी चुनौती
उन्होंने कहा कहा पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का सपना हमने संजोया है। यह कईयों को मुश्किल लगता है लेकिन अगर मुश्किल काम नहीं करेंगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा। हमें हमेशा ऊंचे लक्ष्य रखने चाहिए लेकिन हमारे लक्ष्य हवा में नहीं हैं। पांच साल में हमने दो ट्रिलियन डॉलर को तीन ट्रिलियन डॉलर में बदल दिया। लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था में छाई मंदी है। इस समय बेरोजगारी दर 45 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर है। जीडीपी ग्रोथ गिर रही है। ऑटो सेक्टर अपने 19 साल के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। एफएमसीजी सेक्टर भी मांग घटने से परेशान है। यही नही शेयर मार्केट में बजट के बाद से लगातार गिरावट का दौर जारी है। ऐसे में साफ है कि उनके सामने बड़ी चुनौती है।