रविवार से शुरू होने जा रहे इस यात्रा की शुरूआत लखनऊ के परिवर्तन चौक से होगी और इस यात्रा का नेतृत्व चौधरी करेंगे। बसपा से अलग होने के बाद चौधरी अपने पुराने मंच बीएस-4 को फिर से खड़ा करने में लगे हैं। चौधरी किसी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे या अकेले इस बारे में अंतिम फैसला परिवर्तन रैली के बाद ही करेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान चौधरी जनता के बीच नब्ज टटोलने का काम करेंगे। अगर जनता के बीच सही रिस्पांस मिला तभी चौधरी अंतिम फैसला करेंगे कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगे या फिर किसी के साथ गठबंधन करेंगे।
चौधरी की परिवर्तन यात्रा का पहला चरण लखनऊ, कानपुर, फैजाबाद और इलाहाबाद मंडल से गुजरेगी। इस दौरान वह करीब दो सौ जनसभाएं करेंगे। परिवर्तन यात्रा का पहला चरण 2 अक्टूबर को इलाहाबाद में खत्म होगा। इस यात्रा के समापन के बाद चौधरी बड़ी रैली का आयोजन करेंगे।