इस बैठक में आरक्षण मुद्दे पर लगातार बढ़ते संघर्ष पर संघ नेताओं ने चिंता भी जताई। बैठक जन्माष्टमी के पूरे दिन और रात में देर तक चलती रही जिसमें मप्र के सभी पदाधिकारी एवं छत्तीसगढ़, राजस्थान व गुजरात से सत्ता-संगठन के दो-दो प्रतिनिधि बुलाए गए थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इसमें हिस्सा लेने शाम में पहुंचे थे।
बैठक कई सत्रों में चली और इसमें संघ परिवार से जुड़े संगठनों के कामकाज की समीक्षा भी की गई। प्रदेशों व केंद्र से जुड़े गंभीर मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहे। अमित शाह गुरुवार की शाम 7 बजे शारदा विहार पहुंचे और भैयाजी जोशी से एकांत में लंबी चर्चा की। उनके साथ सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल भी भोपाल पहुंचे। भाजपा से जु़ड़े मसलों पर कृष्णगोपाल ने प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन महामंत्री सुहास भगत एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अलग-अगल चर्चा की। प्रदेश अध्यक्ष सुबह 8 बजे ही बैठक स्थल शारदा विहार पहुंच गए थे। भैयाजी जोशी ने बैठक की कार्रवाई सुबह 9 बजे प्रारंभ कर दी। मुख्यमंत्री चौहान 10 बजे शारदा विहार पहुंचे। प्रदेश के चारों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, अनिल माधव दवे, फग्गन सिंह कुलस्ते सहित राष्ट्रीय पदाधिकारी कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रभात झा बैठक में दिन भर मौजूद रहे।
दो साल में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में संभागीय संगठन मंत्री एवं प्रदेश पदाधिकारियों सहित कुल 400 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद हैं। इनमें संघ के करीब 55 आनुषांगिक संगठनों के प्रदेश एवं प्रांत स्तर के पदाधिकारी शामिल हैं। (एजेंसी)