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शिवसेना के दोनों गुटों में फिर गहमा गहमी, शिंदे की 'हमास' वाली टिप्पणी पर संजय राउत ने दिया बयान

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बयानबाज़ी के कारण गर्मी बढ़ गई है। उद्धव ठाकरे को लेकर...
शिवसेना के दोनों गुटों में फिर गहमा गहमी, शिंदे की 'हमास' वाली टिप्पणी पर संजय राउत ने दिया बयान

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बयानबाज़ी के कारण गर्मी बढ़ गई है। उद्धव ठाकरे को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की "हमास" वाली टिप्पणी के संबंध में अब संजय राउत ने पलटवार किया है। उन्होंने सीएम शिंदे को लेकर कहा कि वह खुद ही हमास हैं।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) नेता संजय राउत ने कहा, "वे (एकनाथ शिंदे) खुद ही हमास हैं। कल दशहरे का शुभ अवसर था, लेकिन वे ऐसी बातें कर रहे हैं। मैं भी बहुत सारी बातें उन्हें कह सकता हूं, लेकिन मेरे पास बाला साहेब ठाकरे के संस्कार हैं। यह उनके दिमाग में भाजपा द्वारा भरे गए कीड़ों को दर्शाता है।"

बता दें कि आज़ाद मैदान में शिव सेना की दशहरा रैली में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए शिंदे ने ठाकरे का नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने अपनी वैचारिक विरासत के साथ बेईमानी करके बाल ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा है।

शिंदे ने यह भी कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर वे (शिवसेना-यूबीटी) असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करें और यहां तक कि अपने स्वार्थी उद्देश्यों और कुर्सी (सत्ता) के लिए हमास, हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को गले लगाएं।

शिंदे ने कहा, "आपने सत्ता के लिए कांग्रेस और समाजवादियों के साथ जाकर बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को दफन कर दिया है। बालासाहेब ने 'शिवतीर्थ' (शिवाजी पार्क मैदान) से 'गर्व से कहो हम हिंदू हैं' का नारा दिया था, लेकिन अब 'गर्व से कहो हम कांग्रेसी और समाजवादी हैं' जैसे नारे दिए जा रहे हैं।"

शिंदे ने पूछा, "उन्होंने अपना चेहरा खो दिया है। अब वे अयोध्या कैसे जाएंगे?" इसके बाद शिंदे ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे 2004 से ही सीएम बनने की महत्वाकांक्षा पाले हुए थे लेकिन बात नहीं बनी।

उन्होंने कहा, "उनकी (उद्धव की) इच्छा 2004 से सीएम बनने की थी, लेकिन 'जुगाड़' काम नहीं आया। उन्होंने दिखावा किया कि उन्हें इस पद में कभी दिलचस्पी नहीं थी। यह सार्वजनिक रूप से कहा गया था कि उन्होंने (2019 विधानसभा के बाद) जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है, शरद पवार की सलाह पर। 

उन्होंने उद्धव पर तंज कसते हुए कहा, "जो लोग बाला साहेब के साथ खून का रिश्ता होने का दावा करते हैं, उन्होंने उनके विचारों को दबा दिया है।" शिंदे ने उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य को 'एक पूरा, एक आधा' करार देते हुए कहा कि अगर वे अपने गुट का कांग्रेस में विलय कर दें तो उन्हें कोई आश्चर्य नहीं होगा।

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