इसी के तहत शिवसेना ने शुक्रवार को दावा किया है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के पार्टी नेताओं द्वारा बृहन्मुंबई नगर निगम के कामकाज के बारे में लगाए गए दुर्भावनापूर्ण आरोपों को मंजूर नहीं किया है।
भाजपा पर शिवसेना का यह कटाक्ष संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें दो दशकों से शिवसेना द्वारा नियंत्रित मुंबई नगर निकाय पारदर्शिता के मामले में शीर्ष पर आया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा था कि भाजपा बीएमसी में पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। बता दें कि पार्टी के स्थानीय नेताओं ने देश के सबसे अमीर नगरीय निकाय चलाने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और गैर पारदर्शिता का आरोप लगाते हुए लगातार शिवसेना पर हमला बोला था।
शिवसेना के मुखपत्र सामना ने कहा कि भाजपा नेताओं का कहना है कि गठबंधन तभी होगा जब बीएमसी में पारदर्शिता है बरती जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पारदर्शिता का मुद्दा भाजपा नेताओं के लिए ज्यादा सीटों की मांग करने के लिए सिर्फ एक बहाना था। सामने में आगे कहा गया है कि राजनीतिक माफियाओं के आरोप निराधार है। बीएमसी ने सभी नागरिकों के लिए काम किया है।