शिवसेना के इस संकेत के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसे शिवसेना की सरकार से समर्थन वापस लेने की छिपी धमकी भी माना जा रहा है। शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है कि शिवसेना के खिलाफ हफ्ताखोरी और गुंडागर्दी का आरोप लगाते समय अभी तो मुख्यमंत्री का केवल गला ही बैठा है, कल को उन्हें हमेशा के लिए घर बैठना पड़ सकता है। शिवसेना ने बीजेपी से पूछा है कि अगर शिवसेना गुंडों की पार्टी है, तो बाबरी ढांचा गिराने के काम में जो कोठारी बंधु और अनेक कारसेवक शहीद हुए, क्या वे गुंडे थे? सामना ने सवाल उठाया है कि क्या 1993 के दंगों में हिंदू मां-बहनों की इज्जत बचाने वाले शिव सैनिकों भी गुंडा कहा जाएगा?
शिवसेना ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुखपत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेश और गोवा जैसे राज्यों में गुंडों और अपराधियों को प्रवेश देने के लिए फडणवीस की पार्टी ने विशेष खिड़की खोल रखी है, जबकि महाराष्ट्र में इन्होंने ऐसे लोगों को शामिल करने के लिए पूरा दरवाजा ही खोल दिया है।
शिवसेना की इस चेतावनी के बाद मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने एक न्यूज चैनल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने वालों को जेल में बैठना पड़ सकता है। वहीं बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि 21 फरवरी के बाद मुंबई के माफिया को घर बैठना पड़ेगा।