असुद्द्दीन ओवैसी के बाद अब उद्धव ठाकरे ने भी बंगाल के लिए हल्ला बोल दिया है। पार्टी ने ऐलान किया है कि शिवसेना भी पश्चिम बंगाल चुनाव में उतरेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने पार्टी की नई रणनीति के बारे में घोषणा की है। हालांकि यह कदम ममता से ज्यादा भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है। जिस तरह ओवैसी की वजह से ममता को मुस्लिम वोट बैंक में सेंध का डर है। वैसी चुनौती शिवसेना भी भाजपा के लिए हिंदू वोटों में कर सकती है। इसकी बड़ी वजह यह है कि शिवसेना की छवि कट्टर हिंदुत्व वाली पार्टी की है। ऐसे में वह बंगाल के चुनावों में ममता से ज्यादा भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है।
अकेले या गठबंधन
संजय राउत ने ट्वीट कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन उन्होंने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि वह कांग्रेस-वाम दलों के साथ गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ेंगे। या फिर अकेले चुनाव लड़ेगा। असल में शिवसेना की अगुवाई में महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र विकास अघाडी की सरकार चल रही है। बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट दलों का गठबंधन है। ऐसे में यह खुलासा रोचक होगा कि शिवसेना क्या रास्ता अपनाती है। अगर वह गठबंधन में जाती है तो ममता और शिवसेना के लिए चुनौती खड़ी करेगी। अगर वह अकेले लड़ती है, तो उसके लिए ज्यादा असर डालना आसान नहीं होगा।