पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच घमासान शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में अपनी ‘रथ यात्रा’ को मंजूरी नहीं मिलने पर भाजपा ‘‘दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार’’ कर रही है और जोर देकर कहा कि इस तरह की मंजूरी देने से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा कि जैसा कि भाजपा दावा कर रही है, राज्य सरकार ने उसके कार्यक्रम को मंजूरी देने से इनकार नहीं किया है। उसने ट्वीट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार ने किसी भी यात्रा को मंजूरी देने से इनकार नहीं किया है, जैसा बंगाल भाजपा का दावा है। वह दुर्भावनापूर्ण प्रचार कर रहे हैं जिनमें कोई सच्चाई नहीं है।’’
टीएमसी ने लिखा, ‘‘ भाजपा ठोस सबूत दिखाए कि बंगाल सरकार ने उनकी यात्रा को मंजूरी देने से इनकार किया। भाजपा पीड़ित दिखने का प्रयास कर रही है।’’
बता दें कि भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए समर्थन जुटाने के लिए फरवरी और मार्च में राज्य भर में रथयात्रा निकालने का फैसला किया है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा शनिवार को नदिया के नबद्वीप से कार्यक्रम का उद्घाटन करने वाले हैं।
टीएमसी ने कहा कि बीजेपी के पदाधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव के कार्यालय से अनुमति मांगी थी, जिसने उन्हें स्थानीय अधिकारियों को निर्देशित किया।
हाई कोर्ट में उसी के संबंध में एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी। हम इसलिए स्पष्ट करते हैं कि एआईटीसी का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें 'रथयात्रा' आयोजित करने के मामले में कहा गया कि यह राज्य में कोविड -19 की स्थिति और कानून व्यवस्था को प्रभावित करेगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को कहा था कि रथयात्रा चुनावों से पहले पार्टी के कार्यक्रम का हिस्सा थी और आरोप लगाया कि टीएमसी बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सफल नहीं होगी। घोष ने यह भी कहा कि पार्टी कानून के अनुसार ही चलेगी।
इससे पहले 2018 में भाजपा ने राज्य भर में रथयात्राओं की योजना बनाई थी, लेकिन राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिलने पर कार्यक्रम को अंतिम समय में बंद कर दिया गया था।