बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कई सवाल पूछे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा, पानामा पेपर्स मामले में जिनका नाम आया है, क्या नीतीश पीएम मोदी से जांच की मांग करेंगे।
#PanamaPapers mein jinka naam aaya hai, kya #NitishKumar PM Modi se jaanch ki maang karenge? : Former #Bihar Dy CM Tejashwi Yadav, RJD pic.twitter.com/jjyb0nHe5f
— ANI (@ANI_news) August 2, 2017
तेजस्वी यादव ने अगला सवाल पूछते हुए कहा, इनका (नीतीश कुमार) की अंतरात्मा कौन सी है? क्या ये कुर्सी आत्मा है, डर आत्मा, लालच आत्मा है या फिर मोदी आत्मा है? उन्होंने कहा, 'यह जो आपने भूल की है, यह आलोचना हमेशा सुननी पड़ेगी। सामाजिक न्याय को मानने वाले लोगों को आप क्या जवाब देंगे? ये लोग आपसे पूछेंगे और आपको जिंदगी भर इन सवालों का जवाब देना पड़ेगा। सब लोग उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री जी कुछ बोलेंगे, लेकिन इन्होंने मेरे बोलने के वक्त लाइव टेलिकास्ट ही काट दिया गया। हमने तो कहा था कि हम जनता के बीच जाएंगे, लेकिन जब मैं हाउस में बोल रहा था तो हमारी बात क्यों काटी गई। मुख्यमंत्री जी को इसका जवाब देना पड़ेगा।
Inka (#NitishKumar) antar-aatma kaunsa hai? Kya ye kursi aatma hai, darr aatma, laalach aatma hai ya ye phir Modi aatma hai?: Tejashwi Yadav pic.twitter.com/RLt2qCx3c8
— ANI (@ANI_news) August 2, 2017
तेजस्वी यादव ने कहा, सरकार में आने के बाद मैंने भी अपने पहले बयान में जीरो टोरलेंस की बात कही थी. हम भी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं. माननीय मुख्यमंत्री जी ने बीजेपी के साथ मिलकर हम पर आरोप लगवाए और ये खेल खेला। तेजस्वी ने अपने डिप्टी सीएम होने पर भी पक्ष रखते हुए कहा कि नीतीश जी को एक नौजवान और ईमानदार डिप्टी सीएम के साथ बैठने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन हमारे जैसे ही आरोप झेल रहे सुशील कुमार मोदी के साथ बैठने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
मीडिया को संबोधित करने के दौरान तेजस्वी ने मोदी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि देश में ऐसा कानून बने कि कोई भी आरोपी नेता किसी भी पद पर ना रह सके। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि ये लोग भ्रष्टाचारियों को बचाते हैं और ईमानदार लोगों के खिलाफ साजिश रचते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी बोले, लालू जी और आरजेडी के लोग जाति की राजनीति करते हैं और वह मास की राजनीति करते हैं। मंडल कमिशन की जब बात चल रही थी तो यही नीतीश कुमार जी ने मास को चीट करके समता पार्टी गठित की और कमंडल के साथ भाग गए। तब मास लालू जी के साथ था। जब एक बार फिर मायावती, अखिलेश जी एनडीए सरकार बनने के बाद एकता की बात की तो फिर से इन्होंने धोखा देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि गोधरा में जब दंगा हुआ था, तब यही मंत्री थे, तब इन्होंने सेक्युलरिजम क्यों नहीं दिखाया? आज वह 'हे राम' से 'जय श्री राम' में पलटी मार गए हैं। चंपारन का शताब्दी वर्ष मना रहे हैं और आज उन्हीं के हत्यारों के साथ चले गए। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि इन्होंने चार साल बिहार को बर्बाद करने का काम किया है।
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए के साथ नई सरकार बनाने के बाद सोमवार को पहली बार मीडिया के सामने आए नीतीश कुमार ने लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया था, जिसके बाद लालू यादव ने उन्हें राजनीति का पलटूराम करार दिया था।