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अपने फैसले पर कायम शिवसेना, कहा, ‘अब BJP को आई हमारी याद, पर हम अकेले ही लड़ेंगे चुनाव’

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रयासों और प्रस्ताव के बावजूद शिवसेना ने कहा है कि चुनावों...
अपने फैसले पर कायम शिवसेना, कहा, ‘अब BJP को आई हमारी याद, पर हम अकेले ही लड़ेंगे चुनाव’

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रयासों और प्रस्ताव के बावजूद शिवसेना ने कहा है कि चुनावों में ‘अकेले उतरने’ की उसकी रणनीति में कोई बदलाव नहीं होगा। अमित शाह ने 6 अप्रैल को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बीजेपी को इस बात की उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे की अगुअाई वाली शिवसेना एनडीए में बनी रहेगी। शाह ने कहा था, ‘शिवसेना अभी हमारे साथ सरकार में है। यह हमारी प्रबल इच्छा है कि वह हमारे साथ बनी रहे।’

शिवसेना ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी

शिवसेना ने इस साल जनवरी में घोषणा की थी कि आगामी लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पार्टी बीजेपी के साथ ‌मिलकर नहीं लड़ेगी और अकेले मैदान में उतरेगी। महाराष्ट्र और केंद्र की बीजेपी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में शिवसेना शामिल है, लेकिन दोनों सरकारों की नीतियों और फैसलों की पार्टी अक्सर आलोचना करती रहती है।

बीजेपी ने अचानक अपना सुर बदल लिया है

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा है कि बीजेपी ने अचानक अपना सुर बदल लिया है और अब वह एनडीए में अपने सहयोगियों के बारे में बातचीत कर रही है। ठाणे में देसाई ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमेशा अपने दम पर सत्ता में आने का दावा करने वाली बीजेपी को अब अपने दोस्तों की याद आ रही है। पिछले छह महीने में इसका सुर बदल गया है। अब यह एनडीए के बारे में बात कर रही है।

शिवसेना अपने दम पर महाराष्ट्र की सत्ता में लौटेगी

उन्होंने कहा कि ठाकरे राज्य में और पार्टी में सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी अपने दम पर महाराष्ट्र की सत्ता में लौटेगी। शिवसेना नेता ने कहा, ‘पार्टी प्रमुख कह चुके हैं कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे और सभी शिवसैनिकों को इस लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए।’

अपने सहयोगियों का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करती है बीजेपी

शिवसेना ने आरोप लगाया कि बीजेपी की एक नीति है कि पहले वह अपने सहयोगियों का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करती है और बाद में उन्हें निकाल फेंकती है। देसाई ने कहा, ‘गोवा में उन्होंने अपनी जड़ें जमाने के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) का उपयोग किया और महाराष्ट्र में उन्होंने शिवसेना की मदद से अपना आधार बढ़ाया, लेकिन शिवसेना एमजीपी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘केवल शिवसेना ही नहीं, बल्कि पूरा देश भाजपा का अहंकार देख रहा है।’

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