जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह असंवैधानिक है। कश्मीर मामले में प्रियंका गांधी का यह पहला बयान है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है, वह संविधान का उल्लंघन है और इस फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। प्रियंका गांधी ने कहा, 'जिस तरीके से यह किया गया वह असंवैधानिक है और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। जब ऐसा कुछ होता है तो कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना होता है, जिनका पालन नहीं हुआ।'
इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी थी। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था, 'ईद मुबारक! खास तौर पर कश्मीर की मेरी बहनों-भाइयों को जो भयानक बंदिशें और दिक्कतें झेल रहे हैं। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र में बाढ़ का सामना कर रहे उन परिवारों को भी जो शायद आज पूरी तरह से ईद के त्योहार को मना नहीं पाए।'
क्या है मामला
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 में बदलाव किया है। इस संवैधानिक बदलाव के बाद जम्मू और कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया है। केंद्र ने पुनर्गठन बिल के जरिए जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है। कांग्रेस ने जहां इस फैसले का विरोध किया है वहीं कांग्रेस के अंदर इसे लेकर अलग-अलग आवाजें सुनाई दीं।
क्या है जम्मू-कश्मीर की स्थिति
केंद्र सरकार ने किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए घाटी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है, जिससे आंशिक तौर पर लोग प्रभावित हुए हैं। विपक्ष इसी पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। जहां ज्यादार पार्टियों ने केंद्र का समर्थन किया है, वहीं प्रमुख पार्टियों ने विरोध जताया है। कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार पर इस फैसले को लेकर हमलावर है। घाटी में अभी भी मोबाइल फोन, मोबाइल इंटरनेट और टीवी-केबिल पर रोक लगी हुई है। हालांकि, जम्मू में धारा 144 को पूरी तरह से हटा दिया गया है और कुछ क्षेत्रों में फोन की सुविधा चालू की गई है। अभी सिर्फ मोबाइल कॉलिंग की सुविधा ही शुरू की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान श्रीनगर से पाबंदी हटाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह संवदेनशील मामला है और सरकार को इसके लिए वक्त देना चाहिए।