Advertisement

नागरिकता कानून के विरोध में उर्दू लेखक मुजतबा हुसैन ने पद्मश्री अवार्ड लौटाया

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच हैदराबाद के उर्दू लेखक मुजतबा...
नागरिकता कानून के विरोध में उर्दू लेखक मुजतबा हुसैन ने पद्मश्री अवार्ड लौटाया

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच हैदराबाद के उर्दू लेखक मुजतबा हुसैन ने पद्मश्री अवार्ड लौटाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि वह देश की मौजूदा स्थिति से खुश नहीं हैं।

लोकतांत्रिक व्यवस्था बर्बाद हो रही

उन्होंने आरोप लगाया कि आपराधिक गतिविधियां रोजाना बढ़ रही हैं और देश में लोकतंत्र में खतरे हैं। गांधीजी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद और भीमराव आंबेडकर द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक व्यवस्था बर्बाद की जा रही है। लोगों की आवाज दबाई जा रही है। लोगों को मारा जा रहा है और गरीब लोग परेशान हैं।

भाजपा नहीं, राजनीति में गिरावट जिम्मेदार

हुसैन को देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री अवार्ड को उर्दू साहित्य में उनके योगदान के लिए 2007 में दिया गया था। हालांकि उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए वह भाजपा को जिम्मेदार नहीं मानते हैं, बल्कि इसके लिए राजनीति के स्तर में आई गिरावट जिम्मेदार है।

देश को नेता नहीं चला रहे, गुंडाराज व्याप्त

87 वर्षीय लेखक ने कहा कि राजनेता कभी महान व्यक्ति (स्टेट्समेन) हुआ करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। अवार्ड लौटाने की वजह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह मौजूदा स्थिति से खुश नहीं हैं। नागरिक के तौर पर वह खुश नहीं है। मॉब लिंचिंग हो रही है। बलात्कार हो रहे हैं, देश में आपराधिक गतिविधियां बढ़ रहा है। सरकार को राजनेता नहीं चला रहे हैं। गुडाराज व्याप्त है। आम लोग चिंतित हैं। वे मर रहे हैं और उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad