हनुमान जी की जाति को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब भाजपा के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने हनुमान जी को जाट बताया है तो भाजपा एमएलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को मुसलिम बता दिया है।
प्रदेश में विधानसभा का शीतकालीन सत्र हाल ही में शुरू हुआ है। विधान परिषद में प्रश्न काल के दौरान एक सवाल के जवाब में धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने हनुमान जी पर चर्चा के दौरान कहा कि जो दूसरों के फटे में टांग अड़ाए, वह जाट ही हो सकता है। हनुमान जी मेरी जाति के थे। लक्ष्मी नारायण चौधरी भी जाट हैं। इस पर सदन में विपक्षियों ने हंगामा किया और हिंदू देवी देवताओं के अपमान का प्रस्ताव लाया गया।
विधान परिषद में संतोष यादव सनी ने हनुमान मंदिरों में चढ़ावे के हिसाब-किताब पर सवाल किया था तो उन्होंने लिखित जवाब दिया कि हनुमान मंदिरों में चढ़ावे की धनराशि का विवरण उपलब्ध नहीं है। इस पर विपक्ष के नेताओं ने उनकी जाति का मुद्दा उठा दिया।
बाद में शून्यकाल के दौरान सपा के एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि नवंबर में एक जनप्रतिनिधि ने हनुमान जी को वनवासी, गिरिवासी और दलित आदि कहा था। बागपत के एक जनप्रतिनिधि ने आर्य बताया था। अभी चौधरी लक्ष्मी नारायण ने उन्हें जाट करार दिया। इससे पहले उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा सीता जी को टेस्ट ट्यूब बेबी बता चुके हैं। इस पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने विरोध करते हुए कहा कि चुनाव से पहले विपक्ष के लोग राजनीतिक लाभ के लिए बेवजह के मुद्दे उठाते रहे। अब सदन में भी गलत बयानी कर रहे हैं। मैं खुद और मुख्यमंत्री जी इस बयान के बारे में स्पष्ट का चुके हैं जो तोड़ मरोड़कर पेश किए गए।
सदन के बाहर भाजपा एमएलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को मुसलमान बता दिया। उन्होंने कहा बजरंग बली को कोई भी किसी भी जाति का माने मैं तो मुसलमान मानता हूं। बजरंग बली की हमारे पूर्वजों और परिवार पर बहुत कृपा रही है। पूर्वजों ने उनके मंदिर भी बनवाए हैं। बजरंग बली से हम लोगों का खास नाता है। यही वजह है कि मैं उनको अपने धर्म का मानता हूं। हमारे यहां ईशान, रहमान, रमजान, फरमान, जीशान, कुरबान जैसे जितने भी नाम रखे जाते हैं, वह हनुमान जी के नाम पर ही रखे जाते हैं।