कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि वह एक बार फिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से फिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई। कर्नाटक में फिलहाल कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार है। जेडीएस ने सिद्धरमैया के बयान पर कहा, “आपकी (सिद्धरमैया) बारी पांच साल बाद आएगी।” जेडीएस के प्रवक्ता दानिश अली ने कहा, “सिद्धरमैया के बयान से सहमत हूं। वह पांच साल बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।”
हसन में एक सभा को संबोधित करते हुए गुरुवार को सिद्धारमैया ने दावा किया कि विपक्ष ने एकजुट होकर उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में जाति और पैसे का बोलबाला हो गया है। सिद्धारमैया ने कहा, 'मैने सोचा कि जनता मुझे फिर से आशीर्वाद देकर मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। हालांकि यह अंत नहीं है, राजनीति में हार और जीत आम बात है।'
23 मई को कुमारस्वामी ने कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली थी
गौरतलब है कि 23 मई को एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी ने पहले सरकार बनाई थी, लेकिन सदन में बहुमत परीक्षण में जरुरी नंबर नहीं होने की वजह से बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था।
इससे पहले जुलाई में कुमारस्वामी ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वो 'गठबंधन की सरकार' का दर्द झेल रहे हैं। उन्होंने मंच पर भावुक होते हुए कहा, 'आप मुझे शुभकामनाएं देने के लिए गुलदस्ते लेकर आए हैं। आपका एक भाई मुख्यमंत्री बन गया है, इसलिए आप सभी खुश हैं, लेकिन मैं नहीं। मैं गठबंधन सरकार के दर्द को जानता हूं। मैं विषकांत (विष पीने वाला) हो गया हूं और इस सरकार का विष पी रहा हूं।'
बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) ने मिलाया था हाथ
कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) ने हाथ मिलाया था, जिसके बाद कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन कुमारस्वामी ने सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही बोल दिया था कि वह इस गठबंधन वाली सरकार से खुश नहीं हैं। इस दौरान उनकी आंखो से आंसू भी छलक आए थे, जिसके बाद से ही दोनों पार्टियों में खटास उत्पन्न हो गई है।