सरकार के सबसे बड़े प्रचार तंत्र दूरदर्शन के पास धन ही नहीं है। खबर है कि तीन महीने से दूरदर्शन सहित कई सरकारी चैनलों के लिए कोई धनराशि नहीं मिली है। यहां तक की दूरदर्शन के महानिदेशक का पद भी खाली पड़ा है। सरकार ने आनन-फानन में कई चैनलों में सलाहकार तो नियुक्त कर दिए लेकिन धन के अभाव के कारण काम नहीं हो पा रहा है। दूरदर्शन के कई अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि सरकार का रवैया ठीक नहीं है। वैसे तो प्रचार-प्रसार के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय सहित सभी मंत्रालयों को स्पष्ट निर्देश है कि सही जानकारियों सहित विभिन्न कार्यक्रमों का जोरदार प्रचार हो। लेकिन दाना-पानी मिले बिना दूरदर्शन का चेहरा कैसे चमक सकता है।
धन ही नहीं है
                                सरकार के सबसे बड़े प्रचार तंत्र दूरदर्शन के पास धन ही नहीं है। खबर है कि तीन महीने से दूरदर्शन सहित कई सरकारी चैनलों के लिए कोई धनराशि नहीं मिली है। यहां तक की दूरदर्शन के महानिदेशक का पद भी खाली पड़ा है।                            
                            
                         
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