एक उत्तर तो दूसरे पूर्वी भारत के ये प्रवक्ता संघ नेताओं के भी नजदीकी माने जाते हैं और पार्टी की वाहवाही कर राज्यसभा में जाने की जुगत में है। बताया जा रहा है कि इन नेताओं ने मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल में काफी तरक्की की है। इस तरक्की को देखते हुए पार्टी के लिए समर्पित उन नेताओं को दुख है जिन्होने अपने जीवन की कमाई लगा दी लेकिन उनके लिए कोई पैरवी करने वाला नहीं है। देखना है कि इन नेताओं को राज्यसभा की कुर्सी मिलती है कि नहीं।