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"माफी मांगें सीएम खट्टर, एसडीएम को भी करें बर्खास्त", किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर भड़के राज्यपाल सत्यपाल मलिक

हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठी चार्ज मामले में मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर...

हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठी चार्ज मामले में मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों से माफी मांगने को कहा है। एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में मलिक ने कहा कि गवर्नर ने कहा कि किसानों पर लाठी चार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा को तुरंत बर्खास्त किया जाए। बता दें, इससे पहले भी कई बार सत्यपाल मलिक किसानों के समर्थन में अपनी आवाज उठा चुके हैं।

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सत्यपाल मलिक ने कहा कि एसडीएम नौकरी में रहने लायक नहीं है। वहीं, खट्टर सरकार उसे संरक्षण दे रही है। उन्होंने किसानों पर दुख जताते हुए कहा कि 600 किसानों की मौत हो गई, लेकिन सरकार की ओर से किसी ने सांत्वना के लिए एक शब्द नहीं कहा। 'मैं किसान का बेटा हूं, उनका मर्म जानता हूं।'

गवर्नर ने खट्टर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर जानबूझकर किसानों पर लाठी चार्ज करवा रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने किसानों पर बल प्रयोग नहीं किया। 

अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलने पर उन्होंने कहा कि मुझे गवर्नर के पद से मोहब्बत नहीं है, मैं जो बोलता हूं दिल से बोलता हूं। मुझे वापस किसानों के बीच जाना है। राज्यपाल ने गुस्साए अंदाज में कहा कि सिर मजिस्ट्रेट का भी फूट सकता है। सिर उसके ऊपर के लोगों का भी फूट सकता है। बिना खट्टर साहब के इशारे के ये नहीं हो सकता। मैं अपने लोगों के लिए बोलता रहूंगा, चाहे जो भी नतीजा हो।

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बता दें, शनिवार को हरियाणा के करनाल में भाजपा की एक बैठक के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में राजमार्ग पर करनाल की तरह बढ़ रहे किसानों के एक समूह पर कथित तौर पर पुलिस ने लाठियां बरसाई जिसमें 10 लोग घालय हो गए। इस दौरान सोशल मीडिया में एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वे पुलिस को आदेश दे रहे हैं कि यहां कोई नहीं आना चाहिए उठा उठा कर मारना, सिर फोड़ देना, पूरी छूट है।

बैठक के बाद शनिवार शाम को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान खट्टर ने कहा था कि किसानों ने पहले सरकार को आश्वासन दिया था कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण किया जाएगा। यदि उन्हें विरोध प्रदर्शन ही करना था तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होती। हमले उन्होने शांतिपूर्ण का आश्वासन दिया, लेकिन यदि वे पुलिस पर पथराव करेंगे, राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे तो पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम तो उठाएगी।

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