सामाजिक कार्यकर्ता और देश में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की अलख जगाने वाले अन्ना हजारे ने 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में धुआंधार तरीके से अनशन किया और नौ अप्रैल को अपने इस अनशन का समापन किया। उनके इस भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि कभी उनके सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का रास्ता भी इसी आंदोलन से निकला था।
यह दिन दुनिया की एक और बड़ी घटना का भी गवाह है। वर्ष 2003 का वह मंजर बहुत से लोगों को याद होगा, जब इराक के तानाशाह शासक सद्दाम हुसैन के शासन का अंत हुआ था और लोगों ने बगदाद के फिरदौस चौराहे पर लगी सद्दाम की मूर्ति को गिरा डाला था। इतिहास में वह घटना भी नौ अप्रैल की तारीख में दर्ज है।