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झारखंड: हेमंत सरकार ने एक और मोर्चे पर रघुवर दास को घेरा, अब इस घोटाले की कराएगी जांच

हेमन्‍त सरकार ने पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास को एक और मोर्चे पर घेरा है। रघुवर दास के कार्यकाल में...
झारखंड: हेमंत सरकार ने एक और मोर्चे पर रघुवर दास को घेरा, अब इस घोटाले की कराएगी जांच

हेमन्‍त सरकार ने पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास को एक और मोर्चे पर घेरा है। रघुवर दास के कार्यकाल में बने नये विधानसभा और हाई कोर्ट के निर्माण में अनियमितता की एसीबी (एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो) से जांच कराने का फैसला किया गया है। मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है।

गुरुवार को ही भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में हेमन्‍त सरकार को घेरते हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास कह रहे थे कि डेढ़ साल में जनता का मोह हेमन्‍त सरकार से भंग हो गया है। अबुआ देश, अबुआ राज की बात करने वाले मुख्‍यमंत्री के राज में सबसे ज्‍यादा आदिवासी और दलितों की हत्‍या हो रही है। सरकार के बनते ही चाईबासा में आदिवासियों की हत्‍या हुई। सिद्धो कान्‍हो के वंशज की हत्‍या हुई। आदिवासी थाना प्रभारी रूपा तिर्की की हत्‍या हुई। जिस समय रघुवर दास हेमन्‍त सरकार के खिलाफ आक्रमण कर रहे थे उसी दौरान रघुवर दास को घेरने की कार्रवाई चल रही थी। यह भी अजीब संयोग है पिछली बार सत्‍ता से बेदखल होने के बाद पार्टी ने जब रघुवर दास को राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष बनाया गया। रांची लौटने पर रघुवर दास का पार्टी कार्याल में स्‍वागत हो रहा था उसी दिन मैनहर्ट घोटाले की एसीबी को जांच सौंपी गई थी।


जानकार बताते हैं कि हाई कोर्ट भवन के निर्माण में अनियमितता को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है जिसमें ठेकेदार और अधिकारियों की मिली भगत से गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। रघुवर दास के पास जब भवन निर्माण था उसी दौरान इसका टेंडर निकला था। 365 करोड़ की योजना को प्रशासनिक स्‍वीकृति दी गई थी। बाद में इसे सौ करोड़ घटाकर 265 करोड़ किया गया और फिर पुनरीक्षित कर 697 करोड़ की योजना हो गई। मगर इसके लिए विधिवत अनुमति नहीं ली गई। अनुमति की प्रक्रिया में भी अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआइ से जांच का आग्रह किया गया। विधानसभा भवन बने एक साल भी नहीं हुआ था कि उसके लाइब्रेरी की फाल्‍स सीलिंग का एक हिस्‍सा पिछले साल अगस्‍त में गिर गया था। 465 करोड़ की लागत से बने विधानसभा भवन का सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था।

इस भवन के निर्माण के दौरान दिसंबर 2019 में शार्ट सर्किट के कारण भवन के पिछले हिस्‍से में जहां विपक्षी लॉबी और प्रेस कक्ष है आग लग गई थी। इसी साल मई महीने में बारिश के दौरान विधानसभा के फर्स्‍ट फ्लोर के पश्चिमी कॉरीडोर की फाल्‍स सीलिंग का हिस्‍सा भी गिर गया था। टेंडर से उद्घाटन तक रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही हुआ था। बता दें कि कभी रघुवर दस के कैबिनेट में मंत्री रहे, रघुवर दास को हराने वाले निर्दलीय विधायक सरयू राय लगातार उन पर आक्रमण करते रहे हैं। हाल ही करीब दो दर्जन निर्माण, योजनाओं में घोटाले का आरोप लगाते हु मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखकर रघुवर दास के कार्यकाल ही जांच कराने की मांग की थी। इसी सप्‍ताह झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी सरयू राय के आरोपों के हवाले सरकार ने जांच आयोग गठित कर जांच कराने की मांग की है। राज्‍यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग को ले रघुवर दास को पीसी एक्‍ट के तहत लपेटने की भी कोशिश की गई है। मामले में उन्‍हें गैर नामजद अभियुक्‍त बनाया गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में रघुवर दास की परेशानियां और बढ़ सकती हैं।



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