कच्चातीवु द्वीप विवाद को लेकर कांग्रेस और उसकी सहयोगी डीएमके के खिलाफ नरेंद्र मोदी के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया कि चीन भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री ने शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले देश को क्लीन चिट दे दी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दावा किया कि द्वीप का मुद्दा उठाकर पीएम मोदी "ध्यान भटकाने" की रणनीति अपना रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री 1974 में सुलझाए गए मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं।
पी चिदंबरम ने दावा किया, "पीएम 1974 में सुलझाए गए मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं? 1974 में इंदिरा गांधी सरकार ने लाखों तमिलों की मदद के लिए श्रीलंका के साथ बातचीत की थी। कच्चातीवु द्वीप को श्रीलंका का हिस्सा माना गया था। बदले में 6 लाख तमिलों को भारत आने की अनुमति दी गई थी। यह मुद्दा 50 साल पहले ही बंद हो चुका था।" 2020 में लद्दाख में भारत के गतिरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “चीनी सैनिकों ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। पीएम कहते हैं कि भारतीय क्षेत्र में कोई चीनी सैनिक मौजूद नहीं है और भारतीय क्षेत्र का कोई भी हिस्सा चीनी सैनिकों के कब्जे में नहीं है। आपने चीन को क्लीन चिट दे दी। उन्हें 50 साल पहले जो हुआ उसके बजाय पिछले 3 सालों में जो हुआ उसके बारे में बात करनी चाहिए। चीनी कब्जा आक्रामकता है। मैं पीएम से इस बारे में बोलने का अनुरोध करूंगा।"
एमके स्टालिन ने पीएम मोदी के मछुआरों के प्रति अचानक प्यार पर सवाल उठाया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "तमिलनाडु के लोग उन लोगों से केवल तीन सवाल पूछना चाहते हैं, जो 10 साल तक कुंभकर्ण की नींद में रहने के बाद अचानक चुनाव के समय मछुआरों के प्रति प्रेम प्रदर्शित कर रहे हैं। केंद्र सरकार तमिलनाडु द्वारा कर के रूप में दिए गए एक रुपये में से केवल 29 पैसे क्यों लौटाती है।"
स्टालिन ने दावा किया, "राज्य को दो प्राकृतिक आपदाओं (दिसंबर 2023 में चेन्नई और थूथुकुडी में बाढ़) का सामना करने के बावजूद बाढ़ राहत के रूप में एक भी पैसा क्यों नहीं दिया गया है।" उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री जी, कृपया इन सभी पर जवाब दें।"
बता दें कि कच्चातिवु द्वीप रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच स्थित है। इसे 1974 में इंदिरा गांधी सरकार ने श्रीलंका को सौंप दिया था। सोमवार को पीएम मोदी ने कच्चातिवु मुद्दे को लेकर डीएमके पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और डीएमके की "कच्चातीवु पर उदासीनता" ने भारतीय मछुआरों को नुकसान पहुंचाया है।