केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलोपी) वी. डी. सतीसन ने रविवार को युवा कांग्रेस (वाईसी) पर कथित हमले के संबंध में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की टिप्पणी की आलोचना की और उन्हें एक ‘‘अपराधी’’ कहा। मुख्यमंत्री हाल में एक सरकारी कार्यक्रम ‘नव केरल सदा’ में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए थे।
विजयन के मंत्रिमंडल सहयोगियों ने उनकी टिप्पणी को सही ठहराया कि डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) कार्यकर्ता युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की जान बचा रहे थे और उन्होंने उन पर हमला नहीं किया। सतीसन ने आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री की ‘‘निर्दयी’’ मानसिकता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी की निंदा करते हुए सतीसन ने कहा, ‘‘एक दिन पहले मैंने विजयन पर आपराधिक मानसिकता रखने का आरोप लगाया था, लेकिन आज मैं कह रहा हूं कि वह एक अपराधी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो व्यक्ति इस तरह के हत्या के प्रयास जारी रखने का आह्वान कर रहा है, वह मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठने के योग्य नहीं है। उन्हें पद छोड़ देना चाहिए या अपने बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।’’ विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि विजयन की डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं की गतिविधियों की प्रशंसा करने और उन्हें भविष्य में भी इसे जारी रखने के लिए कहने वाली टिप्पणी करा ‘‘दंगा भड़काने’’ के समान है।
सतीसन ने कोच्चि में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि जहां मुख्यमंत्री ने कथित हमले को जीवन बचाने वाला अभियान बताया, वहीं पुलिस ने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की बेरहमी से पिटाई करने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप लगाए हैं। केरल पुलिस ने राज्य के कन्नूर जिले में विजयन के काफिले के दौरान काले झंडे लहराने वाले युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में मंगलवार को यहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के 14 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें धाराओं 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों के इस्तेमाल से जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 307 (हत्या का प्रयास) शामिल हैं। केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने असल में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जान बचाई है, जिन्होंने उनके काफिले के आगे कथित तौर पर कूदने की कोशिश की और काले झंडे दिखाये। उन्होंने दावा किया था कि युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला नहीं किया गया, जैसा कि आरोप लगाया गया है।
उन्होंने कहा था, ‘‘यह मेरी आंखों के सामने हुआ। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के कार्यकर्ता उन्हें वाहन के आगे कूदने से रोकने की कोशिश कर रहे थे।’’ डीवाईएफआई केरल में सत्तारूढ़ माकपा की युवा शाखा है। विजयन ने कहा, ‘‘वे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की जान बचा रहे थे, जिसके लिए कुछ बल प्रयोग करने की जरूरत थी। यह हमला नहीं था। यह डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं की ओर से सराहनीय कार्य था और मेरा उनसे इसे जारी रखने का अनुरोध है।’’
मुख्यमंत्री की टिप्पणी को राज्य के उद्योग मंत्री पी. राजीव, राजस्व मंत्री के. राजन और उनके कैबिनेट सहयोगी एम. बी. राजेश ने उचित ठहराया है। राजीव और राजेश दोनों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से ऐसे प्रदर्शनों से उत्तेजित न होने और संयम बरतने को भी कहा। सतीसन ने यह भी आरोप लगाया कि विजयन सत्ता के नशे में ‘‘अहंकारी’’ और ‘‘मदहोश’’ हो गए हैं और इसीलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमले में घायल हुए युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में से एक इस समय गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में है और युवा कांग्रेस की जिला उपाध्यक्ष का इस घटना में हाथ टूट गया है। सतीसन ने कहा कि हमले में घायल वाईसी कार्यकर्ताओं में से एक वर्तमान में आईसीयू में है और वाईसी की जिला उपाध्यक्ष भी इस घटना में घायल हुई हैं।