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बिहार: चाचा और भतीजे में तकरार जारी, दिल्‍ली में दिखेगा किसमें कितना है दम, क्या होगा चिराग का अगला दांव?

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच राजनीतिक...
बिहार: चाचा और भतीजे में तकरार जारी, दिल्‍ली में दिखेगा किसमें कितना है दम, क्या होगा चिराग का अगला दांव?

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है। इस दौरान चिराग पासवान ने आज यानी रविवार को दिल्ली में एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलवाई है, जिसमें वह पार्टी में अध्यक्षता को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

इससे पहले चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस की पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को खारिज करते हुए कहा था कि मेरे चाचा पशुपति पारस ने और मेरे पिता रामविलास पासवान के साथ मिलकर पार्टी बनाई थी। लेकिन अब मेरे चाचा पार्टी के संविधान के खिलाफ गतिविधियां कर रहे हैं। वे पार्टी का ग़लत तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। पारस की अगुवाई वाले धड़े की पटना में जो बैठक हुई थी वह असंवैधानिक थी, इसमें कोरम पूरा नहीं हुआ था।

हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार एलजेपी के महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि पारस और पार्टी के चार अन्य सदस्यों द्वारा चिराग पासवान को पद से हटाने के बाद संगठन में विवाद के बीच चिराग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पहले के चुनाव की प्रतिपुष्टि करने के लिए रविवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक होगी। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के 90 से ज्यादा स्वीकृत सदस्य है और गुरुवार के हुई बैठक में केवल 9 लोग मौजूद थे, जिसमें पासवान के चाचा को उनके स्थान पर अध्यक्ष चुना गया था।

बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में दो फाड़ होने के बाद पारस गुट की कमान पशुपति कुमार पारस के हाथों में सौंप दी गई थी। गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारस को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। पार्टी की कमान संभालते ही पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान पर निशाना साधा और भतीजे को तानाशाह बता दिया।

चिराग की लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात

वहीं शनिवार को चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि मैंने उनसे सदन में मेरे चाचा पशुपति कुमार पारस को लोक जनशक्ति पार्टी का नेता चुने जाने पर उनके द्वारा लिए गए निर्णय के संदर्भ में बातचीत की।

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