महाराष्ट्र के बीड जिले में एक सरपंच की हत्या के विरोध के अलावा मराठा और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कार्यकर्ताओं द्वारा आरक्षण संबंधी आंदोलन के मद्देनजर 28 जनवरी तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
बीड जिला प्रशासन ने सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि अधिकारियों की अनुमति के बिना पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है तथा लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है।
बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण करने के बाद उन्हें प्रताड़ित किया गया फिर उनकी हत्या कर दी गई थी।
केज पुलिस ने अब तक हत्या के इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है। पुलिस ने राज्य के मंत्री धनंजय देशमुख के सहयोगी वाल्मीक कराड को भी जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया है।
सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के नेताओं ने न्याय की मांग करते हुए बीड में विरोध प्रदर्शन किया है।
वहीं पड़ोसी जालना में मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने घोषणा की है कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण सहित मराठा समुदाय की अन्य मांगों को लेकर 25 जनवरी से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे।
दूसरी ओर, ओबीसी कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं कि उनके आरक्षण में कोई बाधा न आए।