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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के दौरे का विरोध, शिवसेना ने दूध-गोमूत्र से किया ठाकरे मेमोरियल का 'शुद्धिकरण'

महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच एक बार फिर तनातनी देखी जा रही है। अब शिवसेना के संस्थापक बाला...
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के दौरे का विरोध, शिवसेना ने दूध-गोमूत्र से किया ठाकरे मेमोरियल का 'शुद्धिकरण'

महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच एक बार फिर तनातनी देखी जा रही है। अब शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के स्मारक पर केंद्रीय केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के श्रद्धांजलि देने के कुछ ही घंटे बाद शिवसैनिकों ने गुरूवार को स्थल को गौमुत्र से धोया और उसे शुद्ध करने के लिये दूध से अभिषेक किया।

इससे पहले स्मारक पर जाने के राणे के फैसले का शिवसेना के कुछ नेताओं ने पहले विरोध किया था। राणे के दौरे के बाद स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता अप्पा पाटिल ने उस जगह को गौमुत्र से धोया जहां राणे ने ठाकरे को श्रद्धांजलि दी थी और उसके बाद उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया।

पाटिल ने मीडिया को बताया, ‘राणे यहां बालासाहेब को श्रद्धांजलि देने आये थे, मगर उसी दौरान उन्होंने उस पार्टी की आलोचना की जिसकी स्थापना उन्होंने की है। उनके आने से यह स्थान अशुद्ध हो गया था, इसलिये हम इसे स्वच्छ करना चाहते थे।’

वहीं इससे पहले शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने दावा किया है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को दिवंगत बाल ठाकरे के स्मारक जाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने ‘‘शिवसेना को तोड़ कर’’ पार्टी के संस्थापक को गहरी पीड़ा पहुंचाई थी।

बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे पहले शिवसेना में थे जो बाद में कांग्रेस में और फिर, 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि शिवसैनिक केंद्रीय एमएसएमई मंत्री राउत को बाल ठाकरे के स्मारक जाने की अनुमति नहीं देंगे। राउत ने यह भी कहा ‘‘महाराष्ट्र ने राणे जैसा गद्दार नहीं देखा जिन्होंने शिवसेना को तोड़ कर दिवंगत बालासाहेब को गहरी पीड़ा पहुंचाई थी। वह (राणे) को स्मारक जाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। शिवसैनिक इसकी अनुमति नहीं देंगे।’’

हालांकि भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंतीवार ने शिवसेना के रुख को ‘‘संकीर्ण सोच’’ वाला करार दिया है। उन्होंने कहा ‘‘बालासाहेब को श्रद्धांजलि देना किसी कंपनी के शेयर या अंशधारिता जैसा नहीं है। श्रद्धांजलि देने के लिए कोई भी (स्मारक) जा सकता है ।’’

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्री विभिन्न राज्यों में लोगों से संपर्क साधने और हाल के चुनाव में भाजपा की जीत पर उनका आभार प्रकट करने के लिए ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ कर रहे हैं।

 

 

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