बनर्जी ने यहां तृणमूल कांग्रेस के सम्मेलन को संबोधित करते हुए ज्ञानेश कुमार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किए जाने पर भी सवाल उठाया और आरोप लगाया कि भाजपा संवैधानिक निकाय को ‘‘प्रभावित करने की कोशिश’’ कर रही है
 
उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा किस तरह निर्वाचन आयोग के सहयोग से मतदाता सूची में हेराफेरी कर रही है।’’
 
बनर्जी ने कहा, ‘‘यदि मैं (2006 में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान) 26 दिन की भूख हड़ताल कर सकती हूं, तो हम निर्वाचन आयोग के खिलाफ भी आंदोलन शुरू कर सकते हैं। यदि जरुरत पड़ी तो हम मतदाता सूची में सुधार और फर्जी मतदाताओं को हटाने की मांग को लेकर निर्वाचन आयोग के कार्यालय के समक्ष अनिश्चित काल के लिए धरना भी दे सकते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ‘‘दिल्ली और महाराष्ट्र में भी हरियाणा और गुजरात से मतदाताओं का नाम दर्ज कराके चुनावों में हेराफेरी करने की इसी तरह की रणनीति अपनाई थी।’’

ममता ने कहा, ‘‘दिल्ली और महाराष्ट्र में भाजपा ने हरियाणा और गुजरात से फर्जी मतदाताओं का पंजीकरण कराके चुनाव जीते थे। अब वे बंगाल में भी ऐसा ही करना चाहते हैं। वे जानते हैं कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए तो बंगाल में वे नहीं जीत सकते।’’

बनर्जी ने भाजपा पर ‘‘निर्वाचन आयोग की मदद से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में दूसरे राज्यों से आए फर्जी मतदाताओं का पंजीकरण कराने’’ का आरोप लगाया। साथ ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची की जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया।

बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव से पहले ये काम पार्टी की प्राथमिकता में होने चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिया, ‘‘बूथ कार्यकर्ताओं को तुरंत सत्यापन प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। जिला अध्यक्षों को प्रक्रिया की निगरानी करनी चाहिए और सात दिन के भीतर निष्कर्ष पेश करने चाहिए। ’’

बनर्जी ने भाजपा की रणनीति के बारे में किए गए अपने दावे का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र और दिल्ली के राजनीतिक दल इसे समझने में विफल रहे, लेकिन हम यह समझ गए। इसी तरह भाजपा ने महाराष्ट्र और दिल्ली में जीत हासिल की। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद वे पश्चिम बंगाल को निशाना बना रहे हैं। हम इसका कड़ा जवाब देंगे। एक बार फिर ‘खेला होबे’। मैं कार्यकर्ताओं से आग्रह करती हूं कि इस बार और भी जोरदार तरीके से जवाब दें।’’

बनर्जी ने एक सूची दिखाते हुए दावा किया कि इसमें ‘‘फर्जी मतदाताओं’’ के नाम हैं।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘मेरे पास सभी जिलों से सबूत हैं। ये रहे। हरियाणा और गुजरात के लोगों के नाम पश्चिम बंगाल के लोगों के नाम के साथ एक ही मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) संख्या पर दिखाई दे रहे हैं। ऑनलाइन माध्यम से फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं।’’

बनर्जी ने भाजपा पर भारत निर्वाचन आयोग को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग का सम्मान करती थी। लेकिन अब ऐसा लगता है कि इसमें भाजाप से जुड़े लोग ही हैं। नये मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री के अधीन सहकारिता विभाग में सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। यह मत भूलिए, हम दिल्ली में निर्वाचन आयोग कार्यालय के पास भी धरना दे सकते हैं।’’

बनर्जी ने भाजपा पर ‘‘निर्वाचन आयोग की मदद से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में दूसरे राज्यों से आए फर्जी मतदाताओं का पंजीकरण कराने’’ का आरोप लगाया।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, ‘‘हम उन फर्जी मतदाताओं की पहचान करेंगे, जिन्हें भाजपा की मदद से मतदाता सूची में शामिल किया गया है। हम बाहरी लोगों (भाजपा) को बंगाल पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देंगे।’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा ने दिल्ली (विधानसभा चुनाव) में जो किया है, उसे बंगाल में दोहराया नहीं जा सकता।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह हेरफेर उन निर्वाचन क्षेत्रों में की जा रही है जहां भाजपा 2021 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से हारी थी।

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को एक समिति का नेतृत्व करने का निर्देश दिया, जो हर खंड में मतदाता सूची की जांच करेगी। इस समिति में अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, सुदीप बंद्योपाध्याय और पार्टी के सांसद, विधायक मंत्री और नेता होंगे।

बनर्जी ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर पार्टी सदस्य मतदाता सूची की जांच करेंगे। सत्यापन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू होगी और इसे 10 दिनों में पूरा किया जाएगा।