मोदी ने कन्नौज में परिवर्तन संकल्प रैली में कहा कि उत्तर प्रदेश में राजनीति के मंच पर एक नई फिल्म चल रही है। इंटरवल से पहले दोनों (सपा और कांग्रेस) लड़ रहे थे। कांग्रेसी 27 साल यूपी बेहाल के नारे लगाकर यात्रा निकाल रहे थे, मगर इंटरवल के बाद दोनों एकजुट हो गए।
उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन की घोषणा के बाद हुई पहली पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने तो मायावती के खिलाफ बयान दिया लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें मायावती के खिलाफ कुछ नहीं कहना है।
मोदी ने कहा कि अखिलेश को अभी कम अनुभव है। वह नहीं जानते कि कांग्रेस के लोग कितने चतुर हैं। इस चुनाव में तीन पैर वाली दौड़ चल रही है, एक पैर सपा का है, सपा का दूसरा पैर कांग्रेस के एक पैर से बंधा है और कांग्रेस का दूसरा पैर बसपा के पैर से बंधा है। अखिलेश आप अपने पिता मुलायम सिंह जी की बात से भले ही सहमत नहीं हैं, लेकिन लिख लो कि कांग्रेस ने एक पैर बसपा से जोड़कर रखा है।
उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के औचित्य पर सवाल करते हुए कहा कि मुलायम वर्ष 1984 में जब विधान परिषद में विपक्ष के नेता थे, तब उनके द्वारा कड़े विरोध से तंग आकर कांग्रेस ने चार मार्च 1984 को मुलायम पर गोलियां चलवाई थीं मगर वह बच गए थे। मैं अखिलेश से कहना चाहता हूं कि वह कांग्रेस की गोद में बैठने से पहले चार मार्च 1984 की घटना को याद कर लेते।
मोदी ने कहा कि कोई ऐसा भी बेटा होता है जो कुर्सी के मोह में अपने बाप पर हमला कराने वाले लोगों की गोद में बैठकर राजनीति करे। इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है। ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं किया जा सकता।
वर्ष 1984 में इटावा से लखनऊ आ रहे मुलायम की कार पर कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। इस घटना में तत्कालीन कांग्रेस नेता बलराम सिंह यादव का नाम सामने आया था। (एजेंसी)