सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य मकसद आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना है। इसके लिए कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की गई लेकिन उसकी तरफ से अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है। खास बात यह है कि ये सूची शुरआती दो चरण के चुनाव के लिए है जिसमें 208 सीटों पर वोट पड़ेंगे। यानी अभी की स्थिति सपा ने कांग्रेस के लिए शुरुआती दो चरणों के लिए 17 सीटें ही छोड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर भाजपा को परास्त होते देखना चाहती है तो उसे सपा के फार्मूले को मानना होगा। इस फार्मूले के तहत वर्ष 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन सीटों पर पहले या दूसरे नंबर पर रही थी, और वे सीटें जिन पर सपा तीसरे, चौथे या पांचवें नंबर पर रही थी, वे कांग्रेस को दे दी जाएंगी। नंदा ने कहा कि इस हिसाब से कांग्रेस को 54 सीटें ही मिलनी चाहिए, लेकिन अगर वह गंभीरता से बातचीत करे तो उसे 25-30 सीटें और दी जा सकती है। सपा कांग्रेस को अधिकतम 85 सीटें दे सकती है।
यह पूछे जाने पर कि सपा द्वारा आज घोषित 191 सीटों में कई वे सीटें हैं, जिन पर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन होगा तो कांग्रेस जहां जीती है, वह सीट उसे दे दी जाएगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेठी और लखनऊ छावनी सीट सपा अपने पास ही रखेगी।
दूसरी ओर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने सपा से गठबंधन के बारे में कहा कि अभी बात बिगड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, गठबंधन पर चर्चा चल रही है, दोनों ही पार्टी के लोग बात कर रहे हैं, जल्द ही निर्णय हो जाएगा, मेरी समझ से, अभी तक कोई अवरोध नहीं है। चुनाव एक लक्ष्य को लेकर लड़े जाते हैं। बाकी सीटों की संख्या का मामला तो हम देख लेंगे। बब्बर ने कहा कि कांग्रेस और सपा एक ही सौहार्द के लोग हैं। इतना जरूर कह सकता हूं कि सभी को साथ चलना चाहिए।
मालूम हो कि सपा ने आज घोषित सूची में गंगोह, शामली, स्वार, विलासपुर, हापुड़, स्याना, खुर्जा, मथुरा तथा किदवई नगर सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में ये सभी सीटें कांग्रेस ने जीती थीं।
नंदा ने कहा कि पहले, दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में कुल 208 सीटों पर चुनाव होना है और सपा ने आज 191 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। इस तरह कांग्रेस के लिए 17 सीटें छोड़ी गई हैं। मालूम हो कि नंदा ने कल कहा था कि सपा करीब 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में माना गया था कि वह कांग्रेस के लिए 100 या 103 सीटें छोड़ रही है। इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को भी शामिल करने की बात थी, मगर बाद में सपा ने यह इरादा छोड़ दिया था।
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस के साथ सपा का गठबंधन मुश्किल हो गया है, नंदा ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगा। सपा अब भी कांग्रेस से तालमेल करना चाहती है, लेकिन अपनी शर्तों पर। चुनाव बिल्कुल नजदीक है, ऐसे में सपा और इंतजार नहीं कर सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होने पर भी सपा अमेठी और लखनऊ छावनी सीट अपने पास ही रखेगी। उसके एवज में वह अपनी एक-एक जीती हुई सीट दे देगी। नंदा ने बताया कि सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगामी सोमवार को पार्टी का चुनाव घोषणापत्र जारी करेंगे और फिर बुधवार से वह अपना प्रचार शुरू करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव अखिलेश के चेहरे और नेतृत्व में लड़ा जाएगा। पार्टी नेताजी का नाम और अखिलेश के काम के नारे पर चुनाव लड़ेगी। इसके पूर्व, सपा ने विधानसभा चुनाव के शुरुआती तीन चरणों के लिए 191 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए। इनमें शिवपाल सिंह यादव को इटावा की जसवन्तनगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
हालांकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी राज्यसभा सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा का बाराबंकी रामनगर सीट से टिकट काट दिया गया है। उनके स्थान पर अखिलेश के करीबी मंत्री अरविन्द सिंह गोप को उम्मीदवार बनाया गया है। रामपुर की स्वार सीट से वरिष्ठ मंत्री आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को टिकट दिया गया है। इसके अलावा बाहुबली नेता अतीक अहमद का भी कानपुर छावनी सीट से टिकट काटकर मोहम्मद हसन रूमी को प्रत्याशी बनाया गया है। पिछले साल 28 दिसंबर को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में बेनी के बेटे राकेश के साथ-साथ अतीक अहमद को भी शामिल किया गया था। आज घोषित सूची में आजम खां, शाहिद मंजूर और अरविन्द सिंह गोप समेत 12 मंत्रियों को टिकट दिया गया है। घोषित प्रत्याशियों में 52 मुसलमान तथा 19 महिलाएं शामिल हैं। (एजेंसी)