बिहार में मिली शानदार जीत पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिहार की भावना की जीत है। बिहार के लोगों की जीत है। समाज के हर तबके का हमें समर्थन मिला है। नीतीश कुमार ने मध्यमवर्गीय महिलाओं का खासतौर पर धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। उन्होंने माना कि बिहार चुनाव से राष्ट्रीय स्तर पर भी एक संकेत गया है। नफरत और समाज को बांटने की राजनीति फेल हो गई है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशों को जनता ने नकार दिया है। इससे पता चलता है कि सभी वर्ग के लोगों की उनसे कुछ अपेक्षाएं हैं और उन्हें पूरा करने के लिए वह अपनी तरफ से भरपूर प्रयास करेंगे।
माना जा रहा है कि अब मोदी-विरोध की राजनीति अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ नीतीश कुमार और लालू यादव के ईर्द-गिर्द घूमेगी। इस तरह राष्ट्रीय राजनीति में बिहार चुनाव के बाद एक नए अध्याय की शुरुआत होने जा रही है। जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के अलावा नीतीश कुमार, लालू यादव और राहुल गांधी विपक्ष की राजनीति को नई धार देंगे। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद यह भाजपा की दिल्ली के बाद दूसरी बड़ी हार है।
लालू प्रसाद यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने आए नीतीश कुमार ने कहा है कि हम विपक्षी दलों के साथ अच्छा बर्ताव करेंगे। काफी सधे हुए और संतुलित लहजे में नीतीश कुमार ने भाजपा और एनडीए की पराजय को सांप्रदायिक ताकतों की हार बताया है। उन्होंने कहा कि हमारे मन में किसी के प्रति किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं होगी।