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कर्नाटक उपचुनाव येदियुरप्पा सरकार के लिए करो या मरो, सात सीटों की जीत पर टिका भविष्य

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। इन उपचुनाव के नतीजों पर भारतीय जनता पार्टी की...
कर्नाटक उपचुनाव येदियुरप्पा सरकार के लिए करो या मरो, सात सीटों की जीत पर टिका भविष्य

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। इन उपचुनाव के नतीजों पर भारतीय जनता पार्टी की बीएस येदियुरप्पा सरकार का भविष्य निर्भर करेगा। येदियुरप्पा को सरकार बचाने के लिए किसी भी हालत में सात सीटें चाहिए। लेकिन पार्टी ने करीब आठ सीटों पर जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है। उपचुनाव के लिए मतदान 5 दिसंबर को होगा जबकि नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे।

ये है बहुमत का गणित

कर्नाटक विधानसभा में इस समय कुल 207 विधायक हैं। फिलहाल बहुमत के लिए जरूरी 104 विधायक की जरूरत है और भाजपा के पास 105 विधायक हैं। लेकिन यदि 15 सदस्य जीत कर विधानसभा पहुंचते हैं तो सदन की कुल सदस्य संख्या 222 हो जाएगी। तब बहुमत का आंकड़ा बदल जाएगा। इसलिए उपचुनाव में भाजपा को किसी भी तरह सात सीटें जीतना ही होंगी। लेकिन भाजपा कम से कम आठ सीटें जीतना चाहती है। क्योंकि जब भी अन्य दो सीटों पर कभी चुनाव होंगे तो बहुमत का आंकड़ा 113 हो जाएगा। इसलिए आठ सीटों के साथ भाजपा आगे के लिए भी अभी ही व्यवस्था कर लेना चाहती है।

भाजपा को जीत का पूरा भरोसा

भाजपा के नेता सभी 15 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सहित कई मंत्री, संगठन पदाधिकारी विधानसभा क्षेत्रों में डटे हुए हैं। भाजपा के प्रवक्ता जी. मधुसूदन का कहना है कि हम बहुमत के लिए जरूरी सात सीटों से ज्यादा ही जीतेंगे। अभी हमारे पास 105 विधायक हैं, जिनमें एक निर्दलीय भी है। भाजपा महासचिव पी. मुरलीधर राव कर्नाटक प्रभारी के तौर पर उपचुनाव की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राव ने कहा, “उपचुनाव में सिर्फ स्थिर सरकार ही मुद्दा है। क्योंकि जनता भाजपा को वोट देकर बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में स्थिर सरकार चाहती है। जनता पहले भी कांग्रेस-जेडी(एस) की सरकार का हश्र देख चुकी है।

सीट लाओ और राज करो

जुलाई में कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के कुल 17 विधायकों के इस्तीफा देने से कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार गिर गई थी। फिलहाल 224 सदस्यीय विधानसभा में इन विधायकों के इस्तीफे के कारण ही बहुमत के आंकड़ा कम होकर 104 पर पहुंच गया था और भाजपा ने 105 विधायकों के साथ सरकार बना ली थी। लेकिन तब विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी। अब इन्हीं सीटों पर दोबारा चुनाव हो रहे हैं और भाजपा ने इन्हीं अयोग्य ठहराए विधायकों को ही टिकट दिया है। यदि भाजपा के खाते में सात सीटें नहीं आती हैं तो येदियुरप्पा की सरकार गिरना तय है। हालांकि चुनाव कुल 17 सीटों पर होना है लेकिन दो सीटों पर मामला कोर्ट में है। 5 दिसंबर को मतदान होंगे और सरकार का भविष्य मतपेटी में बंद हो जाएगा। उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे।

5 दिसंबर को गोकक, कागवाड, अथानी, येल्लपुरा, हिरेकेरूर, रवबेन्नुर, विजय नगर, चिकबल्लापुरा, केआरपुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लायुत, शिवाजी नगर, होसकोटे, हंसुर और केआर पेटे विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है। जबकि दो सीटों मस्की और राजराजेश्वरी का मामला कोर्ट में है। यहां बाद में उपचुनाव के लिए मतदान होगा।

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