जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषदों के चुनाव के नतीजे आ गए हैं। गुपकार गठबंधन सबसे बड़ा गठबंधन और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं सात क्षेत्रीय दलों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेयरेशन (पीएजीडी) कश्मीर प्रभाग के 10 जिलों में से 9 विकास परिषदों पर अपना नियंत्रण करने की स्थिति में है। जबकि डीडीसी चुनावों में जम्मू क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यहां की 10 परिषदों में से कम से कम 4 परिषदों पर अपना कब्जा जमाने के लिए आवश्यक संख्या कम पड़ रही है।
बता दें कि घाटी के 6 जिलों अनंतनाग, बडगाम, गंदेरबल, कुपवाड़ा, पुलवामा और कुलगाम में गुपकार अलांयस को स्पष्ट बहुमत मिला है। इन जिलों की प्रत्येक परिषद में अलायंस 14 में से नौ से 12 सीटें जीतने में सफल हुआ है। श्रीनगर को छोड़कर शेष परिषदों में गठबंधन को 7 सीटें मिली हैं। यहां पर वह कांग्रेस एवं निर्दलीयों के समर्थन के भरोसे है। पीएजीडी और बीजेपी दोनों श्रीनगर परिषद पर नियंत्रण पाने की स्थिति में नहीं हैं। जबकि अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली एफएपी को तीन सीटें और निर्दलीयों को 7 सीटें मिली हैं। यहां ये दोनों मिलकर इस विकास परिषद पर कब्जा जमा सकते हैं।
वहीं जम्मू संभाग में अपना दबदबा रखाए वाली भाजपा के लिए यहां की सभी विकास परिषदों पर नियंत्रण पाना सरल नहीं है। भाजपा ने कठुआ में (14 में से 13 सीटें), सांबा में (13), जम्मू में (11), उधमपुर में (11) और डोडा में (8) सीटें जीती हैं मगर पुंछ और राजौरी उसके हाथ से निकलते दिख रहे हैं। पुंछ में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली है जबकि राजौरी में नेशनल कांफ्रेंस के खाते में 5, पीडीपी के हिस्से में एक और कांग्रेस 3 सीटें जीतने में कामयाब हुई है। राजौरी में भाजपा के लिए कोई उम्मीद नहीं है।
रामबन में बीजेपी ने 3 सीटें जीती हैं। यहां पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के खाते में 6 सीटें और कांग्रेस के हिस्से में 2 सीटें आई हैं। यहां तीन निर्दलीय भी चुनाव जीते हैं। किश्तवाड़ में बीजेपी को तीन सीटें, एनसी को छह और कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं। इस परिषद पर भी भाजपा के लिए नियंत्रण पाना मुश्किल है।