मतदान के आंकड़ों में हेराफेरी किए जा सकने के तर्क को खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग (ईसी) के सूत्रों ने कहा कि एक बार फॉर्म 17 सी उम्मीदवारों को सौंप दिया जाता है और ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में जमा किया जाता है तो आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
फॉर्म 17सी में हरेक मतदान केंद्र पर डाले गए मतों का रिकॉर्ड होता है और यह उम्मीदवारों या उनके एजेंटों को तब दिया जाता है जब ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में ले जाने से पहले सील कर दिया जाता है।
वे लोकसभा चुनाव के दौरान वेबसाइट पर मतदान केंद्र के आधार पर मतदान आंकड़ा अपलोड करने के लिए एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी नहीं करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से संबंधित सवालों का जवाब दे रहे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि अगर काल्पनिक स्थिति में प्रति मतदान केंद्र चार उम्मीदवारों को फॉर्म 17सी दिया जाता है, तो भी 42 लाख से अधिक लोगों के पास यह दस्तावेज होगा क्योंकि 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘विभिन्न राजनीतिक दलों के 42 लाख लोगों को कैसे मूर्ख बनाया जा सकता है और आंकड़ों में हेराफेरी की जा सकती है।’’
आयोग ने चिंता व्यक्त की थी कि याचिकाकर्ता साफ मंशा से अदालतों में नहीं जा रहे हैं। आयोग ने कहा कि याचिकाकर्ता साजिश के सिद्धांतों के आधार पर मतदाताओं के मन में लगातार संदेह पैदा करने के एजेंडे के साथ अदालत के मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं।