झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें और आखिरी चरण में 16 विधानसभा सीटों पर शुक्रवार को वोट डाले गए। वोटिंग खत्म होने तक 70.87 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, 5 सीटों पर 3 बजे ही वोटिंग खत्म हो गई। इस चरण में 236 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा। संथाल क्षेत्र को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)का गढ़ माना जाता है। इस चरण में 40,05,287 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिन 16 सीटों पर वोटिंग हो रही है, उनमें सात सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनावों में इनमें से छह जेएमएम ने और पांच भाजपाने जीती थीं।
की गई थी विशेष व्यवस्था
वोटिंग में दिव्यांग मतदाताओं की मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। इसके तहत मतदान केन्द्रों में 2065 वील चेयर और 7,505 स्वयंसेवकों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा उन्हें घर से मतदान केन्द्र तक लाने-ले जाने के लिए 2,766 वाहनों का इस्तेमाल किया गया। पांचवें चरण के चुनाव में 237 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे, जिनमें 208 पुरुष और 29 महिला प्रत्याशी शामिल थे। जरमुंडी सीट से सबसे ज्यादा 26 और पोड़ैयाहाट सीट के लिए सबसे कम सात प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे।
सोरेन की अग्निपरीक्षा
इस चरण में एक मौजूदा विधायक को छोड़ सभी चुनावी मैदान में हैं। इस दौरान जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की भी अग्निपरीक्षा है जबकि रघुवर दास सरकार के दो मंत्री लुइस मरांडी और रणधीर सिंह की साख दांव पर लगी हुई है। इसके अलावा पूर्व मंत्री प्रदीप यादव और पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम में सियासी परीक्षा होनी है। हेमंत सोरेन दो सीटों बरहेट और दुमका सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनाव में भी वो इन्ही दोनों सीटों से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन दुमका सीट से वो हार गए थे। जबकि बरहेट सीट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे और सदन में प्रतिपक्ष के नेता बने थे।