सबसे पहले कांग्रेस महासचिव और दिल्ली में चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उसके बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविन्दर सिंह लवली ने दिया। कांग्रेस ने हार मानते हुए स्वीकार किया कि आम आदमी पार्टी की ताकत बढ़ी है और जनता ने मुद्दों के आधार पर अरविन्द केजरीवाल का समर्थन किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने आउटलुक से बातचीत में स्वीकार किया कि कार्यकर्ताओं का भरोसा कहीं न कहीं से टूटा है इसलिए कांग्रेस की ऐसी हार हुई है।
पंद्रह सालों तक दिल्ली में लगातार सत्ता संभालने वाली कांग्रेस पार्टी को विधानसभा में एक भी सीट न मिलना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि जनता ही नहीं कार्यकर्ताओं का भी भरोसा पूरी तरह से टूटा है। कई कांग्रेस उम्मीदवार तो जमानत भी नहीं बचा पाए हैं। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट प्रतिशत में काफी गिरावट आई है।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी में इस्तीफों की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़े कई प्रभारियों को भी हटाए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।