गोजमुमो-भाजपा का दबदबा सिर्फ दार्जिलिंग और इसके आस-पास के इलाकों तक ही सीमित रहा है। यहां भी दार्जिलिंग से सटे मिरिक नगर निगम में तृणमूल ने इस गठबंधन को हरा दिया है। पहाड़ में ममता बनर्जी की पार्टी की यह पहली बड़ी जीत है। इस जीत पर खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पहाड़ मुस्कुरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार तृणमूल पर भरोसा जताने के लिए जनता का आभार। हम लोगों के लिए काम करते रहेंगे। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी लगातार बंगाल में अपना आधार बढ़ाने का प्रयास कर रही है मगर अब तक उसे किसी चुनाव में बड़ी सफलता नहीं मिली है। वैसे पार्टी का वोट प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है।
तृणमूल कांग्रेस ने दक्षिण 24 परगना के पुजाली, नॉर्थ दिनाजपुर के रायगंज, मुर्शिदाबाद के डोमकल और दार्जिलिंग की मिरिक सीट पर जीत हासिल की है। पुजाली में 16 में से 12 वार्ड तृणमूल ने जीते जबकि दो सीट भाजपा और दो अन्य को मिली। डोमकल में 21 में से 20 सीटें तृणमूल को मिल गई हैं। पार्टी ने यूं तो 18 सीटें ही जीती थी मगर शेष तीन सीटों पर जीती माकपा के दो पार्षद चुनाव जीतने के बाद तृणमूल में शामिल हो गए। रायगंज के 27 में से 24 पार्षद तृणमूल के हैं। मिरिक के 9 में से 6 सीटों पर तृणमूल को जीत मिली है।
दूसरी ओर शेष तीन नगर निगमों दार्जिलिंग, कर्सियोंग और कालिमपोंग में गोजमुमो-भाजपा गठबंधन का कब्जा हुआ है। दार्जिलिंग की 32 में से 31 सीटें गोजमुमो को मिली जबकि कर्सियोंग के 20 वॉर्डों में से 17 पर गोजमुमो के पार्षद जीते। कालिमपोंग के 23 वॉर्डों में किसी को सीधा बहुमत नहीं मिला मगर 11 सीटें जीत गठबंधन सबसे आगे है जबकि हरक बहादुर छेत्री के नेतृत्व वाली जन आंदोलन पार्टी ने दो और तृणमूल ने दो सीटों पर जीत दर्ज की।
गौरतलब है कि इन चुनावों में भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने तृणमूल पर बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है। खास बात है कि भाजपा-गोजमुमो के प्रभाव वाले पहाड़ी इलाकों दार्जिलिंग, कर्सियोंग, कालिमपोंग और मिरिक में मतदान शांतिपूर्ण था जबकि तृणमूल के प्रभाव वाले तीन इलाकों पुजाली, डोमकल और रायगंज में चुनाव के दौरान कई बूथों पर बम धमाके हुए जिनमें कई लोग घायल हुए। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से चुनाव रद्द करने की मांग की थी मगर आयोग नहीं माना। आयोग ने छह बूथों पर दोबारा मतदान कराया मगर इससे आखिरी नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ा है।
ममता सरकार के मंत्री अरूप विश्वास ने कहा कि मिरिक की जीत पहाड़ी क्षेत्र में ममता बनर्जी की बिना थके की गई कोशिशों का नतीजा है। पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने जीत को आश्चर्यजनक नहीं करार दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी को इन्हीं नतीजों की उम्मीद थी। विपक्ष का कहना है कि इन चुनावों में मतदान के नाम पर तमाशा हुआ और बाद में भी पार्टी ने वोटों में हेराफेरी की इसलिए ऐसा परिणाम प्रत्याशित था।