इन चुनावों में आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। इसके अलावा पहली बार स्वराज इंडिया भी मैदान में है। दिल्ली में इन स्थानीय चुनावाेें के परिणाम राष्ट्रीय राजनीति में भी उथलपुथल मचा सकते हैं।
आज दिल्ली में एक करोड़ 32 लाख मतदाता 2315 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। मतगणना 26 अप्रैल को होगी। दिल्ली में नगर निगमों के कुल 272 वार्ड हैं, लेकिन दो वार्डों में उम्मीदवारों की मौत के चलते चुनाव रद्द कर दिया गया है। इन चुनावाेें में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। खासतौर पर आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ा इम्तेेेेहान है। भाजपा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार का बदला लेने के लिए नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी है तो कांग्रेस के लिए भी यह अपनी साख बचानेे की लड़ाई है।
स्थानीय निकाय चुनावों के लिए दिल्ली में सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मतदान के लिए कुल 13022 मतदान केंद्र बनाये गये हैैं। राज्य चुनाव आयोग ने 197 मतदान केंद्रों के 1464 बूथों को अति संवेदनशील घोषित किया है। इसके मद्देेेेनजर 26 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के 56 हजार जवानों को सौंपी गई है। कुल 2589 पोलिंग स्टेशन पर करीब 56256 जवान तैैैैनात किए गए हैंं। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट को किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है।
इन चुनावों में कई ऐसे उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जिनकी कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि नहीं है। इनमें कई डॉक्टर, इंजीनियर, सीए जैसेे प्रोफेशनल हैं। कई वार्डों में वोटिंग के दौरान मतदाताओं को उम्मीदवारों के नाम को लेकर परेशानी हो सकती है। हर पांच में एक वार्ड ऐसा है जहां एक ही नाम के एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं।
वर्ष 2012 में निगमों की यह रही स्थिति
उत्तरी दिल्ली नगर निगम: कुल वार्ड-104
भाजपा 59, कांग्रेस- 29, बीएसपी-7, अन्य 9
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम: कुल वार्ड-104
भाजपा-44, कांग्रेस-29, बीएसपी-5, अन्य-26
पूर्वी दिल्ली नगर निगम: कुल वार्ड-64
भाजपा-35, कांग्रेस-19, बीएसी, 3,अन्य-7